झारखंड में सिर्फ एक रुपये में होगी महिला के नाम ज़मीन की रजिस्ट्री

झारखंड में सिर्फ एक रुपये में होगी महिला के नाम ज़मीन की रजिस्ट्री

झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास (फाइल फोटो)

महिलाओं को मुख्यधारा में लाने और घरेलू फैसलों में उनका महत्व बढ़ाने के उद्देश्य से झारखंड सरकार ने अचल संपत्ति पर लगने वाली स्टाम्प ड्यूटी व निबंधन शुल्क को लगभग खत्म कर दिया है, और अब यदि किसी ज़मीन की रजिस्ट्री किसी महिला के नाम पर करवाई जाती है, तो सिर्फ एक रुपया टोकन शुल्क लिया जाएगा.

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, राज्य की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बुधवार को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की समीक्षा बैठक में यह घोषणा की.

गौरतलब है कि झारखंड के ज़्यादातर हिस्सों में ज़मीन-जायदाद की खरीद-फरोख्त में आमतौर पर महिलाओं को हिस्सेदार नहीं बनाया जाता है, और आदिवासी इलाकों में तो इन फैसलों में महिलाओं से सलाह-मशविरा तक नहीं किया जाता. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बैठक में इस तरह की घटनाओं का ज़िक्र करते हुए कहा कि यदि अचल संपत्ति, यानी ज़मीन-जायदाद महिलाओं के नाम होगी, तो संपत्ति बेचने या न बेचने जैसे अहम फैसले भी वे खुद ले पाएंगी.

समाचारपत्रों में छपी ख़बरों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि सरकार का यह फैसला उसके राजस्व में कमी लाएगा. राज्य सरकार को ज़मीनों के निबंधन से सालाना 150-200 करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति होती है, और इस फैसले से इस रकम में लगभग 50 फीसदी की गिरावट आ सकती है.

मिली जानकारी के मुताबिक, झारखंड में फिलहाल ज़मीनों की रजिस्ट्री के वक्त चार प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी तथा तीन प्रतिशत रजिस्ट्रेशन शुल्क वसूला जाता है, जो महिलाओं के मामले में अब सिर्फ एक रुपया रह जाएगा. सो, अगर एक करोड़ रुपये की ज़मीन की रजिस्ट्री किसी महिला के नाम पर करवाई जाती है, तो उसे लगभग सात लाख रुपये का फायदा होगा.


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