यह ख़बर 07 फ़रवरी, 2014 को प्रकाशित हुई थी

जनलोकपाल बिल : अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल को भेजी नाराजगी भरी चिट्ठी

नई दिल्ली:

दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के जनलोकपाल बिल का मुद्दा गरमाता जा रहा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनलोकपाल बिल को लेकर उपराज्यपाल नजीब जंग को चिट्ठी लिखी है। केजरीवाल ने लिखा है कि जब जन लोकपाल बिल भेजा ही नहीं गया, तो किस बिल पर आपने राय मांगी है।

केजरीवाल ने लिखा है, जब बिल का मसौदा आपके पास नहीं है, तो किस बिल पर आपने सॉलिसिटर जनरल से राय मांगी। उन्होंने लिखा है कि आपने संविधान रक्षा की शपथ ली है, हमें उम्मीद है कि आप संविधान की रक्षा करेंगे। उन्होंने यह भी लिखा है कि उपराज्यपाल किसी पार्टी विशेष के नहीं है।

दिल्ली सरकार के मंत्री मनीष सिसौदिया ने कहा, सॉलिसिटर जनरल ने कुछ दलीले दी होंगी और कुछ उपबंधों का जिक्र किया होगा। हम इसे देखेंगे, लेकिन हम कहना चाहते हैं कि निर्वाचित सरकार और निर्वाचित विधानसभा से बड़ा कोई नहीं है।

'आप' नेता एवं वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि कुछ नियम होंगे, जिसके तहत सरकार के लिए विधेयक को पूर्व मंजूरी प्राप्त करना जरूरी होगी, लेकिन केवल इसलिए कि अनुमति नहीं ली गई, इसके आधार पर यह अवैध नहीं होता, क्योंकि विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त करनी होती है।

वहीं,आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष ने दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग पर निशाना साधते हुए उन्हें कांग्रेस का एजेंट करार दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले में कांग्रेस सियासत कर रही है।

गुरुवार को सॉलिसिटर जनरल ने दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा मांगी राय पर साफ कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के बिना लोकायुक्त बिल गैर-कानूनी होगा, क्योंकि इस बिल में केंद्र की संचित निधि यानी Consolidated Fund से खर्च होता है। सॉलिसिटर जनरल का कहना है कि पहले से ही लोकपाल और लोकायुक्त कानून बना हुआ है, इसलिए दिल्ली सरकार को अपने जनलोकपाल बिल को उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए उनके पास भेजना होगा।

यही नहीं बिल को पास होने के बाद भी उपराज्यपाल और फिर राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाना होगा, लेकिन दिल्ली सरकार की राय इससे अलग है। दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसौदिया ने कहा है, जनता ने हमें चुना है और उससे ऊपर कोई नहीं है… वहीं यह फैसला करेगी कि कैसा लोकायुक्त बिल हो।

वहीं दिल्ली कांग्रेस के नेता हारून यूसुफ ने कहा है कि अगर जनलोकपाल बिल की प्रक्रिया सही रहती है तो हम जरूर समर्थन करेंगे, लेकिन लोकसभा चुनाव को देखते हुए ये असंवैधानिक रूप से बिल लाना चाहते हैं।

भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी का कहना है कि आम आदमी पार्टी की सरकार को संविधान के अंतर्गत रहकर काम करना होगा...जो वे कर रहे हैं, उससे तो यही साबित होता है कि वह व्यवस्था को जोड़ने नहीं बल्कि तोड़ने आए हैं। सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि केजरीवाल भी जानते हैं कि उनकी सरकार ज्यादा दिन नहीं चलने वाली, इसलिए वह लोकसभा चुनाव को ध्यान रखकर इस तरह के असंवैधानिक फैसले ले रहे हैं, ताकि जनता को लुभा सकें।


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