नई दिल्ली:
चीन से लगी सीमा पर तैनात भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने तय किया है कि अब महिलाओं को भी ऊंची पहाड़ियों पर तैनात किया जाएगा। 8000 से 10,000 फीट से ज्यादा ऊंचाई की पोस्ट पर इन महिलाओं को पुरुष जवानों की तरह तैनात किया जाएगा।
योजना तो यहां तक है कि महिला जवानों के जिम्मे ही पूरा बार्डर ऑउट पोस्ट यानी की बीओपी दे दिया जाए। ऐसी 500 महिलाओं को खास तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है। इन महिलाओं की तैनाती अगले साल तक हो जाने की उम्मीद है।
आईटीबीपी के महानिदेशक कृष्णा चौधरी ने दिल्ली में आयोजित 54वें सलाना प्रेस कांफ्रेस में कहा कि ये पहली बार है कि महिलाओं को सरहद पर कॉम्बैट रोल में तैनात किया जा रहा है। मकसद है महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल सकें। इसके लिये पोस्ट पर बुनियादी ढांचा तैयार किया जा रहा है ताकि महिलाओं को अपनी ड्यूटी करने में कोई दिक्कत ना हो। यही नहीं आईटीबीपी में पहली बार महिला अधिकारियों की नियुक्ति भी जा रही है।
महानिदेशक के मुताबिक उन्होंने यूपीएससी से आईटीबीपी में सीधे अस्टिटेंट कमांडेट रैंक पर महिलाओं की नियुक्ति का अुनरोध किया है। इतना ही नहीं, आईटीबीपी के महानिदेशक ने कहा कि वो तो चाहते है बल में ज्यादा से ज्यादा महिलाएं शामिल हों। आईटीबीपी में 2009 से महिलाओं की भर्ती जवान के तौर पर की गई है। अब तक महिलाओं ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है।
फिलहाल 60,000 की संख्या वाली आईटीबीपी में 1,661 के करीब महिला जवान हैं। आईटीबीपी अभी इकलौती पैरा मिलिट्री फोर्स है जहां महिलाएं अफसर के रूप में नहीं आती हैं जबकि सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, बीएसएफ और एसएसबी में महिलाएं अफसर के तौर पर भी सीधे आती हैं।
योजना तो यहां तक है कि महिला जवानों के जिम्मे ही पूरा बार्डर ऑउट पोस्ट यानी की बीओपी दे दिया जाए। ऐसी 500 महिलाओं को खास तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है। इन महिलाओं की तैनाती अगले साल तक हो जाने की उम्मीद है।
आईटीबीपी के महानिदेशक कृष्णा चौधरी ने दिल्ली में आयोजित 54वें सलाना प्रेस कांफ्रेस में कहा कि ये पहली बार है कि महिलाओं को सरहद पर कॉम्बैट रोल में तैनात किया जा रहा है। मकसद है महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल सकें। इसके लिये पोस्ट पर बुनियादी ढांचा तैयार किया जा रहा है ताकि महिलाओं को अपनी ड्यूटी करने में कोई दिक्कत ना हो। यही नहीं आईटीबीपी में पहली बार महिला अधिकारियों की नियुक्ति भी जा रही है।
महानिदेशक के मुताबिक उन्होंने यूपीएससी से आईटीबीपी में सीधे अस्टिटेंट कमांडेट रैंक पर महिलाओं की नियुक्ति का अुनरोध किया है। इतना ही नहीं, आईटीबीपी के महानिदेशक ने कहा कि वो तो चाहते है बल में ज्यादा से ज्यादा महिलाएं शामिल हों। आईटीबीपी में 2009 से महिलाओं की भर्ती जवान के तौर पर की गई है। अब तक महिलाओं ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है।
फिलहाल 60,000 की संख्या वाली आईटीबीपी में 1,661 के करीब महिला जवान हैं। आईटीबीपी अभी इकलौती पैरा मिलिट्री फोर्स है जहां महिलाएं अफसर के रूप में नहीं आती हैं जबकि सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, बीएसएफ और एसएसबी में महिलाएं अफसर के तौर पर भी सीधे आती हैं।
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