औद्योगिक उत्पादन की सुस्त रफ्तार तीसरे माह भी जारी, नवंबर में महज 1.4 फीसदी बढ़ोतरी

कोरोना वायरस (Coronavirus)  से उपजी दिक्क्तों और लम्बे लॉकडाउन (Lockdown) के कारण देश के औद्योगिक उत्पादन (Industrial Production) की वृद्धि की रफ्तार में सुस्ती लगातार तीसरे महीने जारी रही.

औद्योगिक उत्पादन की सुस्त रफ्तार तीसरे माह भी जारी, नवंबर में महज 1.4 फीसदी बढ़ोतरी

आंकड़ों के मुताबिक खनिज उत्पादन 5.0 फीसदी और बिजली उत्पादन 2.1 फीसदी बढ़ा.

नई दिल्‍ली:

कोरोना वायरस (Coronavirus) से उपजी दिक्‍कतों और लम्बे लॉकडाउन (Lockdown) के कारण देश के औद्योगिक उत्पादन (Industrial Production) की वृद्धि की रफ्तार में सुस्ती लगातार तीसरे महीने जारी रही. यह इससे जाहिर हो जाता है कि नवंबर, 2021 में महज 1.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. औद्योगिक उत्पादन में सुस्ती का मुख्य कारण कमजोर तुलनात्मक आधार के प्रभाव का खत्म होना है. हालांकि, खदान क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर रहा है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (National Statistics Office) के बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 77.63 फीसदी की हिस्सेदारी रखने वाले विनिर्माण क्षेत्र में नवंबर में 0.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई जबकि नवंबर, 2020 में इसमें 1.6 फीसदी गिरावट दर्ज की गयी थी.

औद्योगिक उत्पादन लगातार दूसरे माह रहा नरम, विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 2 फीसदी

आंकड़ों के मुताबिक खनिज उत्पादन 5.0 फीसदी और बिजली उत्पादन 2.1 फीसदी बढ़ा. नवंबर, 2020 में खनन क्षेत्र का उत्पादन 5.4 प्रतिशत घटा था, जबकि बिजली उत्पादन 3.5 प्रतिशत बढ़ा था. औद्योगिक उत्पादन चालू वित्त वर्ष में मई से अगस्त के बीच दहाई अंक तक बढ़ा है. उसके बाद मुख्य रूप से कमजोर तुलनात्मक आधार का प्रभाव कम होने से यह सितंबर में घटकर 3.3 फीसदी और अक्टूबर में 4 फीसदी  रहा. एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर, 2021 में आईआईपी 128.5 अंक रहा जो 2020 के इसी महीने में 126.7 अंक था. सूचकांक नवंबर, 2019 में 128.8 अंक था. नवंबर, 2020 में औद्योगिक उत्पादन 1.6 प्रतिशत घटा था. चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान औद्योगिक उत्पादन 17.4 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की इसी अवधि में इसमें 15.3 प्रतिशत की गिरावट आयी थी.

जहां तक औद्योगिक उत्पादन की बात है सितंबर, 2020 में यह पटरी पर आया और सितंबर, 2019 यानी महामारी-पूर्व स्तर को पार कर गया. आईआईपी में सितंबर, 2020 में एक प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. मार्च, 2020 से शुरू हुई कोरोना वायरस महामारी के कारण औद्योगिक उत्पादन प्रभावित हुआ. उस समय इसमें 18.7 प्रतिशत की गिरावट आयी थी. यह अगस्त, 2020 तक नकारात्मक दायरे में रहा. आर्थिक गतिविधियां शुरू होने के साथ सितंबर, 2020 में इसमें एक प्रतिशत और अक्टूबर में 4.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. नवंबर, 2020 में इसमें फिर 1.6 प्रतिशत की गिरावट आयी और उसके बाद यह दिसंबर, 2020 में 2.2 प्रतिशत बढ़ा. जनवरी, 2021 में आईआईपी में 0.6 प्रतिशत और फरवरी में 3.2 प्रतिशत की गिरावट आयी. पुन: मार्च में इसमें 24.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई. एनएसओ ने अप्रैल, 2021 में महामारी की दूसरी लहर के कारण आईआईपी का आंकड़ा जारी नहीं किया था.

देश की आर्थिक वृद्धि दर 2021-22 में 9.2% रहने का अनुमान, कोविड-पूर्व के स्‍तर को कर सकती है पार

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

मई, 2021 में आईआईपी 27.6 प्रतिशत और जून में 13.8 प्रतिशत बढ़ा. जुलाई और अगस्त में यह क्रमश: 11.5 प्रतिशत और 13 प्रतिशत रहा. एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, निवेश की स्थिति बताने वाले पूंजीगत सामान क्षेत्र के उत्पादन में नवंबर, 2021 में 3.7 प्रतिशत की गिरावट रही. एक साल पहले इसमें 7.5 प्रतिशत की गिरावट आयी थी. टिकाऊ उपभोक्ता सामान का उत्पादन आलोच्य महीने में 5.6 प्रतिशत घटा जबकि नवंबर, 2020 में इसमें 3.2 प्रतिशत की गिरावट आयी थी. गैर-टिकाऊ उपभोक्ता सामान का उत्पादन नवंबर, 2021 में 0.8 प्रतिशत बढ़ा जबकि एक साल पहले इसमें 0.7 प्रतिशत की गिरावट आयी थी.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)