नई दिल्ली:
भारत ने उन खबरों को 'गलत' बताया है जिसमें कहा गया था कि वह जहाज रोधी क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की आपूर्ति वियतनाम को कर रहा है. वहीं दक्षिण पूर्व एशियाई देश ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक भागीदारी सुरक्षा और रक्षा समेत कई क्षेत्रों में बढ़ रही है. इस मुद्दे पर सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि वियतनाम के विदेश मंत्रालय ने पहले ही ऐसी खबरों को गलत बताकर खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा, 'यह सही नहीं है, यही मैं कहने का प्रयास कर रहा हूं. जिस व्यक्ति को उद्धृत किया गया है, मंत्रालय ने पहले ही इसे खारिज कर दिया है और वे कह रहे हैं कि जो खबर चल रही है वह गलत है.' हालांकि, वियतनाम के विदेश मंत्रालय ने रिपोर्ट का स्पष्ट खंडन नहीं किया है.
रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर वियतनाम के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि वियतनाम-भारत व्यापक रणनीतिक भागीदारी अर्थव्यवस्था, व्यापार, निवेश, संस्कृति, शिक्षा, सुरक्षा और रक्षा समेत अनेक क्षेत्रों में सक्रियता से विकसित हो रही है. प्रवक्ता ने कहा, 'द्विपक्षीय सुरक्षा और रक्षा संबंध क्षेत्र और दुनिया की शांति, स्थिरता, सहयोग और विकास के लिये व्यावहारिक योगदान दे रहे हैं.'
उन्होंने कहा कि वियतनाम लगातार शांति और आत्मरक्षा की राष्ट्रीय रक्षा नीति पर चलता है. प्रवक्ता ने कहा कि 'वियतनाम द्वारा रक्षा उपकरणों की खरीद शांति और आत्मरक्षा की नीति के अनुरूप है और राष्ट्रीय रक्षा में सामान्य दस्तूर है. हम आपके सवालों को प्रासंगिक एजेंसी को अग्रसारित करेंगे.'
रक्षा मंत्रालय से इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी उपलब्ध नहीं है. भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल की आपूर्ति के लिये वियतनाम के साथ वार्ता की थी. फरवरी में लोकसभा में यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार की वियतनाम को आकाश और ब्रह्मोस मिसाइल बेचने की योजना है तो रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने कहा था कि भारत ने इस मुद्दे पर दक्षिण पूर्व एशियाई देश से बातचीत की है.
उन्होंने एक लिखित जवाब में कहा था, 'भारत और वियतनाम रणनीतिक भागीदारी साझा करते हैं. रक्षा उपकरणों की आपूर्ति समेत रक्षा सहयोग इस भागीदारी का महत्वपूर्ण पहलू है. दोनों देशों ने इस संबंध में कई मुद्दों पर चर्चा की है.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर वियतनाम के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि वियतनाम-भारत व्यापक रणनीतिक भागीदारी अर्थव्यवस्था, व्यापार, निवेश, संस्कृति, शिक्षा, सुरक्षा और रक्षा समेत अनेक क्षेत्रों में सक्रियता से विकसित हो रही है. प्रवक्ता ने कहा, 'द्विपक्षीय सुरक्षा और रक्षा संबंध क्षेत्र और दुनिया की शांति, स्थिरता, सहयोग और विकास के लिये व्यावहारिक योगदान दे रहे हैं.'
उन्होंने कहा कि वियतनाम लगातार शांति और आत्मरक्षा की राष्ट्रीय रक्षा नीति पर चलता है. प्रवक्ता ने कहा कि 'वियतनाम द्वारा रक्षा उपकरणों की खरीद शांति और आत्मरक्षा की नीति के अनुरूप है और राष्ट्रीय रक्षा में सामान्य दस्तूर है. हम आपके सवालों को प्रासंगिक एजेंसी को अग्रसारित करेंगे.'
रक्षा मंत्रालय से इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी उपलब्ध नहीं है. भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल की आपूर्ति के लिये वियतनाम के साथ वार्ता की थी. फरवरी में लोकसभा में यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार की वियतनाम को आकाश और ब्रह्मोस मिसाइल बेचने की योजना है तो रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने कहा था कि भारत ने इस मुद्दे पर दक्षिण पूर्व एशियाई देश से बातचीत की है.
उन्होंने एक लिखित जवाब में कहा था, 'भारत और वियतनाम रणनीतिक भागीदारी साझा करते हैं. रक्षा उपकरणों की आपूर्ति समेत रक्षा सहयोग इस भागीदारी का महत्वपूर्ण पहलू है. दोनों देशों ने इस संबंध में कई मुद्दों पर चर्चा की है.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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