टाटा-मिस्त्री प्रकरण पर सेबी की निगाह, स्‍टॉक एक्‍सचेंजों ने भी सफाई मांगी

टाटा-मिस्त्री प्रकरण पर सेबी की निगाह, स्‍टॉक एक्‍सचेंजों ने भी सफाई मांगी

खास बातें

  • सेबी ने इस प्रकरण की पड़ताल शुरू की
  • कंपनी संचालन और बाजार सूचीबद्धता नियमों के अनुपालन की पड़ताल
  • टाटा समूह का कारोबार 100 अरब डॉलर से अधिक है
नई दिल्ली:

बाजार नियामक सेबी ने भारतीय कारपोरेट जगत में चर्चित टाटा-मिस्त्री प्रकरण की पड़ताल शुरू कर दी है और वह देख रहा है कि कहीं इस मामले में कंपनी संचालन और बाजार सूचीबद्धता के नियमों का कोई उल्लंघन तो नहीं हुआ है.

गौरतलब है कि सालाना 100 अरब डॉलर से अधिक का कारोबार करने वाले टाटा समूह की धारक कंपनी टाटा संस ने दो दिन पहले अपने चेयरमैन साइरस मिस्त्री को हटा कर पूर्व चेयरमैन रतन टाटा को चार माह के लिए अंतरिम चेयरमैन बनाया है.

सेबी के अलावा शेयर बाजारों ने भी बुधवार को इस समूह की कई सूचीबद्ध कंपनियों से मिस्त्री के इस बयान पर स्पष्टीकरण मांगा है कि समूह की घाटे में चल रही कंपनियों की वजह से समूह की कंपनियों की संपत्ति में 1.18 लाख करोड़ रुपये का बट्टा लग सकता है.

सेबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''हम पूरे घटनाक्रम को देख रहे हैं और हम कंपनी संचालन और सूचीबद्धता संबंधी नियमों या किसी अन्य नियामकीय व्यवस्था के संभावित उल्लंघन का संकेत देखते ही उस पर तत्काल कार्रवाई करेंगे.''

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) मिस्त्री द्वारा टाटा संस के निदेशक मंडल के सदस्यों को कथित रूप से लिखे गए पत्र में वित्तीय अनियमिताओं और कंपनी संचालन में खामी के मुद्दों पर भी गौर कर रहा है.

शेयर बाजारों ने समूह की टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, इंडियन होटल्स, टाटा टेलीसर्विसेज और टाटा पावर से संबंधित मुद्दों पर पूरा ब्यौरा मांगा है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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