भारत के नए प्रधान न्यायाधीश के तौर पर आज शपथ ग्रहण करने वाले न्यायमूर्ति एचएल दत्तू ने कहा कि वह बेंच पर 'आम आदमी' की तरह बैठेंगे और नागरिकों को उन्होंने आश्वासन दिया कि मामलों से निपटने में कोई वर्ग भेद नहीं होगा।
न्यायपालिका के प्रमुख के तौर पर 42 वें प्रधान न्यायाधीश ने कहा, 'मैं बेंच पर आम आदमी के तौर पर बैठूंगा।' 63 वर्षीय न्यायमूर्ति हंडयाला लक्ष्मीनारायणस्वामी दत्तू को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शपथ दिलाई। वह उच्चतम न्यायालय के सर्वाधिक वरिष्ठ न्यायाधीश हैं।
उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत के न्यायाधीश भी आम लोग हैं और वे जानते हैं कि उनका काम बेहद जिम्मेदारी भरा है, क्योंकि उनके समक्ष प्रत्येक मामला नागरिकों के लिए एक 'गंभीर मामला' है।
सीजेआई ने कहा, 'आखिर यह देश की अंतिम अदालत है। चाहे वह न्यायाधीश हो या कोई व्यक्ति हम काफी ध्यान देते हैं क्योंकि हम जानते हैं कि नागरिक कितना ध्यान देते हैं।'
न्यायमूर्ति दत्तू का सीजेआई के तौर पर कार्यकाल 14 महीने का होगा और वह दो दिसंबर 2015 को सेवानिवृत्त होंगे। सीजेआई ने ये बातें अपने आवास पर विधि संवाददाताओं से अनौपचारिक बातचीत के दौरान कही।
न्यायमूर्ति दत्तू ने कहा कि शीर्ष अदालत में काम का बोझ बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, 'चाहे यह जमानत का मामला हो या अचल संपत्ति का या कुछ और का, हमें और जिम्मेदार होना है।' उन्होंने कहा, 'यह एक अदालत है जो आम आदमी और अन्य के बीच कोई भेद नहीं करती है।'
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