नई दिल्ली:
दिल्ली के एलजी (उपराज्यपाल) नजीब जंग ने दिल्ली महिला आयोग में अध्यक्ष के तौर पर स्वाति मालिवाल की नियुक्ति रद्द करते हुए एक बहुत बड़ी बात कही है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखे ख़त में एलजी कार्यालय की ओर से कहा गया है कि दिल्ली में मैं ही एलजी ही सरकार है। ख़त में लिखा है कि जुलाई 2002 के गृह मंत्रालय में नोटिफिकेशन के मुताबिक़ दिल्ली में सरकार का मतलब एलजी ही होता है।
असल में दिल्ली सरकार ये दलील दे रही थी कि महिला आयोग की अध्यक्ष की नियुक्ति में एलजी का कोई रोल नहीं होता सरकार का होता है इसलिये सरकार ने एलजी के पास कोई फ़ाइल मंज़ूरी के लिए नहीं भेजी और इसी पर एलजी ने कहा है कि दिल्ली में 'सरकार' का मतलब ही एलजी है।
ख़त में एलजी ने कहा है कि पहले भी महिला आयोग में नियुक्ति उनसे मंज़ूरी के बाद ही होती रही हैं। यहां तक कि जनवरी 2014 में खुद तत्कालीन आप सरकार ने तत्कालीन दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष बरखा सिंह को हटाने और नई अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए एलजी के पास फ़ाइल भेजी थी।
एलजी ने कहा है कि क्योंकि स्वाति मालिवाल को अध्यक्ष बनाने वाले नोटिफिकेशन में एलजी से कोई मंज़ूरी नहीं ली गई है इसलिए वो कायदे क़ानून का उल्लंघन है। जिस नोटिफिकेशन से नियुक्ति हुई उसकी कोई कानूनी वैधता नहीं है। दूसरे शब्दों में ये नियुक्ति रद्द हो गई है।
एलजी ने केजरीवाल सरकार को फिलहाल यह कहा है कि मंज़ूरी के लिए ये सारा कुछ उनके पास भेजा जाए।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखे ख़त में एलजी कार्यालय की ओर से कहा गया है कि दिल्ली में मैं ही एलजी ही सरकार है। ख़त में लिखा है कि जुलाई 2002 के गृह मंत्रालय में नोटिफिकेशन के मुताबिक़ दिल्ली में सरकार का मतलब एलजी ही होता है।
असल में दिल्ली सरकार ये दलील दे रही थी कि महिला आयोग की अध्यक्ष की नियुक्ति में एलजी का कोई रोल नहीं होता सरकार का होता है इसलिये सरकार ने एलजी के पास कोई फ़ाइल मंज़ूरी के लिए नहीं भेजी और इसी पर एलजी ने कहा है कि दिल्ली में 'सरकार' का मतलब ही एलजी है।
ख़त में एलजी ने कहा है कि पहले भी महिला आयोग में नियुक्ति उनसे मंज़ूरी के बाद ही होती रही हैं। यहां तक कि जनवरी 2014 में खुद तत्कालीन आप सरकार ने तत्कालीन दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष बरखा सिंह को हटाने और नई अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए एलजी के पास फ़ाइल भेजी थी।
एलजी ने कहा है कि क्योंकि स्वाति मालिवाल को अध्यक्ष बनाने वाले नोटिफिकेशन में एलजी से कोई मंज़ूरी नहीं ली गई है इसलिए वो कायदे क़ानून का उल्लंघन है। जिस नोटिफिकेशन से नियुक्ति हुई उसकी कोई कानूनी वैधता नहीं है। दूसरे शब्दों में ये नियुक्ति रद्द हो गई है।
एलजी ने केजरीवाल सरकार को फिलहाल यह कहा है कि मंज़ूरी के लिए ये सारा कुछ उनके पास भेजा जाए।
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