हम बिहारी हैं ठेठ बिहारी, बोले बिहार के सीएम नीतीश कुमार

हम बिहारी हैं ठेठ बिहारी, बोले बिहार के सीएम नीतीश कुमार

नीतीश कुमार की फाइल फोटो

पटना:

इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में वाक्-युद्ध तेज होता जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में अपनी पार्टी की रैली में नीतीश कुमार के डीएनए में दोष के बाद उन्हें याचक क्या बोल डाला, मानो नीतीश को बैठे बिठाये मुद्दा मिल गया हो।

और प्रधानमंत्री के इन दोनों बयानों के बाद जहां बिहार में भारतीय जनता पार्टी के नेता सफाई देते घूम रहे हैं, वहीं नीतीश कुमार इस मुद्दे पर हर दिन कुछ नया बोल रहे हैं। रविवार को पटना में एक कार्यक्रम में नीतीश ने कहा कि वह बिहारी हैं, ठेठ बिहारी और बिहार के लिए लड़ते रहेंगे।' नीतीश ने साफ़ किया कि भले उन्हें याचक कहा जाये, लेकिन बिहारियों के हक़ के लिए वह किसी के पास भी जाएंगे, भले इसके लिए उनका सार्वजनिक रूप से मजाक उड़ाया जाए।

रविवार को नीतीश ने बिहार में 15 हज़ार करोड़ रुपये की लागत से अधिक की सड़क एवं बिजली की परियोजना का शिलान्यास किया। केंद्र द्वारा हाल में राज्‍य के 21 पिछड़े जिलों में उद्योग लगाने के लिए रियायत की घोषणा को ख़ारिज करते हुए नीतीश ने कहा कि जब तक केंद्र द्वारा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जाता, शायद ही बिहार में कोई उद्योग लगाने आए। नीतीश ने दावा किया कि बिहार में उद्योग धंधे लगाने के लिए पहले से राज्य सरकर द्वारा कई तरह की मदद दी जा रही है, लेकिन शायद विशेष राज्य का दर्जा जब तक नहीं मिलता बड़े-बड़े उद्योग धंधे नहीं लगेंगे।

इस बीच बिहार में भारतीय जनता पार्टी ने घोषणा की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विशेष पैकेज दिए जाने के लिए हर पंचायत से धन्यवाद पोस्टकार्ड भेजा जाएगा। इसकी घोषणा करते हुए बिहार भाजपा के अध्यक्ष मंगल पाण्डेय न कहा कि बिहार में विशेष पैकेज दिए जाने के बाद लोगों में बीजेपी के प्रति रुझान बढ़ा है। वहीं केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पियूष गोयल ने पटना में दावा किया कि बिहार में ऊर्जा के चित्र में जो भी सुधार हुआ है वो केंद्र के कारण है।

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हालांकि गोयल इस बात का जवाब नहीं दे पाए कि आखिर बरौनी पावर प्लांट जिसका काम भारत सरकार की भेल के द्वारा किया जा रहा है उसने काम करने में इतना विलंब क्यों किया। नीतीश कुमार ने पिछले महीने पटना में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया था कि अब तक 15 बार काम खत्म करने की अवधि बढ़ाई गई है और किसी को पता नहीं की आखिर ऊर्जा का उत्पादन कब शुरू होगा।