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This Article is From Jan 06, 2021

कोविड के बाद कैसे होगी स्कूल-कॉलेजों में पढ़ाई? दिल्ली में होगी विशेषज्ञों की कॉन्फ्रेंस

मनीष सिसोदिया ने कहा- कोरोना काल के बाद शिक्षा वैसी नहीं रह जाएगी जैसी पहले थी, उसके तौर-तरीके बदलेंगे, कुछ मजबूरी होगी और कुछ टेक्नोलॉजी की वजह से भी बदलाव आएगा

कोविड के बाद कैसे होगी स्कूल-कॉलेजों में पढ़ाई? दिल्ली में होगी विशेषज्ञों की कॉन्फ्रेंस
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने आज कहा कि देश और दुनिया में कोरोना (Coronavirus) के चलते शिक्षा (Education) प्रभावित हुई है. स्कूलों में पढ़ाने का तरीका, क्लास लेने का तरीका...लैब...लाइब्रेरी प्रैक्टिकल एग्जाम...ओवरऑल एग्जाम या इवैल्यूएशन, सारी चीजें कोरोना काल में पुर्नपरिभाषित हुई हैं. यह भी सिद्ध होता जा रहा है कि जब वैक्सीन आ रही है तो हम सब जानते हैं कि अब पहले जैसा सब कुछ नहीं रहेगा, खास तौर से शिक्षा के क्षेत्र में. कोरोना काल के बाद शिक्षा वैसी नहीं रह जाएगी जैसी पहले थी. उसके तौर-तरीके बदलेंगे, कुछ मजबूरी होगी और कुछ टेक्नोलॉजी की वजह से भी चीजों में बदलाव आएगा. लेकिन इसका कोई पुख्ता समाधान कि कॉलेज कैसे होंगे, स्कूल कैसे होंगे, यह किसी के पास नहीं है. ना प्रशासकों के पास है, ना सरकार के पास है, ना टीचर के पास है और ना ही एक्सपर्ट के पास है, क्योंकि दुनिया में पहली बार यह परिस्थितियां पैदा हुई हैं.

मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अब समय आ गया है कि सब ब्रेनस्टॉर्मिंग करके इसके तरीके निकालें कि कोविड के बाद जब आप स्कूल-कॉलेज खोल रहे होंगे तो पढ़ाई कैसे होगी? इस जरूरत को महसूस करते हुए दिल्ली सरकार ने एक पहल की है. दिल्ली में पहली इंटरनेशनल एजुकेशन कॉन्फ्रेंस 'दिल्ली एजुकेशन कॉन्फ्रेंस' का आयोजन होगा. यह आयोजन 11 से 17 जनवरी तक होगा. इसका मकसद है कि शिक्षा में आज की चुनौती... अगर दिल्ली की बात करनी है तो पिछले पांच साल के तजुर्बे को देखते हुए और नई एजुकेशन पॉलिसी को देखते हुए आगे कैसे बढ़ा जाए,  यह इसका मुख्य उद्देश्य होगा.

कॉन्फ्रेंस में सात देशों के 21 पैनलिस्ट शामिल होंगे जिसमें भारत के भी एक्सपर्ट्स होंगे. प्रसिद्ध लेखक प्रोफेसर लूसी क्रैहन पांच देशों की शैक्षिक व्यवस्था पर स्टडी कर चुकी हैं. प्रोफेसर प्रिचेट, हार्वर्ड के कैनेडी स्कूल में प्रोफेसर रहे हैं, अब ऑक्सफोर्ड में प्रोफेसर हैं.  फिनलैंड, सिंगापुर, जापान, कनाडा आदि देशों के शिक्षा के एक्सपर्ट हैं. प्रोफेसर सेवेस्टियन जर्मनी में सीनियर लैक्चरर हैं. इनके अलावा भारत में एलीमेंट्री एजुकेशन की जनक मानी जाने वाली विमला रामचंद्रन, प्रथम से जुड़ी रुकमणी बनर्जी, इंडियन पॉलिसी रिसर्च की यामिनी, अर्ली चाइल्डहुड एक्सपर्ट विनीता कॉल इसमें शामिल होंगी.  

सिसोदिया ने बताया कि इस बात पर ब्रेनस्टॉर्मिंग होगा कि एजुकेशन पर अब कैसे आगे बढ़ा जाए. यह कॉन्फ्रेंस ऑनलाइन और सेमी ऑनलाइन होगी, लेकिन ज्यादातर ऑनलाइन ही होगी. इसके लिए www.Delhieducationconference.org पर रजिस्टर करना होगा.

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