गुजरात के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर शुक्रवार को भारी हंगामा हुआ.
नई दिल्ली:
गुजरात के ताजा घटनाक्रम को लेकर शुक्रवार को राज्यसभा में भारी हंगामा हुआ. कांग्रेस के सांसदों ने नारेबाजी की और कार्यवाही नहीं चलने दी. चार बार के स्थगन के बाद आखिरकार उप सभापति पीजे कुरियन ने राज्यसभा की बैठक दिनभर के लिए स्थगित कर दी.
गुजरात के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर राज्यसभा में आज कांग्रेस सदस्यों ने भारी हंगामा किया और बार-बार आसन के समक्ष आकर नारेबाजी की जिससे सदन की कार्यवाही लगातार बाधित हुई. हंगामे की वजह से सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल दोनों नहीं हो पाए. शुक्रवार होने के नाते सदन में आज गैर सरकारी कामकाज होना था. लेकिन वह भी हंगामे की भेंट चढ़ गया.
कांग्रेस का आरोप था कि गुजरात में पुलिस ने उच्च सदन के चुनाव को प्रभावित करने की खातिर पार्टी के एक विधायक का अपहरण कर लिया है. कांग्रेस सदस्यों ने भाजपा पर राज्यसभा का चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस के विधायकों को ‘‘चुराने’’ का आरोप लगाया. कांग्रेस सदस्यों ने बार-बार आसन के समक्ष आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
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सुबह बैठक शुरू होने पर विपक्ष के नेता और वरिष्ठ कांग्रेस सदस्य गुलाम नबी आजाद तथा उनके पार्टी सहयोगी आनंद शर्मा ने यह मुद्दा उठाया. आजाद ने आरोप लगाया कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होने चाहिए लेकिन गुजरात में आसन्न राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर पुलिस ने उनके एक विधायक का अपहरण किया. उन्होंने कहा कि यह कथित अपहरण जिस पुलिस अधीक्षक ने किया है, वह पहले फर्जी मुठभेड़ के आरोप में जेल भी जा चुके हैं.
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आजाद ने कहा कि वह कांग्रेस के उन तीन विधायकों के इस्तीफे का मुद्दा नहीं उठा रहे हैं जिन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि इस्तीफा देने वाले इन तीन विधायकों में से एक को तो तत्काल राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा का उम्मीदवार बना दिया गया.
आजाद ने कहा कि गुजरात के विधायक पूनाभाई गामित पार्टी की एक बैठक में शामिल होने के बाद एक अन्य विधायक के घर जा रहे थे. उसी दौरान जिला पुलिस अधीक्षक ने उनका ‘‘अपहरण’’ कर लिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक कपड़े बदलने का बहाना कर वहां से बच पाए. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने व्यवस्था के प्रश्न के तहत यह मुद्दा उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि गुजरात में सत्ताधारी भाजपा ने संविधान का उल्लंघन किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में पार्टी ने विधायकों का अपहरण करने के लिए पुलिस का उपयोग किया है.
शर्मा ने कहा कि इस बात की गारंटी दी जानी चाहिए कि राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष हों.
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केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कांग्रेस के आरोप का खंडन करते हुए कहा कि यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है. कांग्रेस के विधायक और राज्य विधानसभा में पार्टी के नेता अब पार्टी छोड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विधायकों ने राष्ट्रपति चुनाव में अपने ही उम्मीदवार को वोट नहीं दिया. ‘‘यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है.’’ संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराना चुनाव आयोग की जिम्मदारी है. ‘‘अगर उन्हें कोई शिकायत है तो उन्हें चुनाव आयोग के पास जाना चाहिए. राज्यसभा वह स्थान नहीं है जहां विरोध जताया जाए.’’ आजाद ने कहा, ‘‘आपको संविधान की रक्षा करनी होगी. मतदाताओं का अपहरण किया जा रहा है. हम कहां जाएं.’’
उप सभापति पीजे कुरियन ने कहा कि चुनाव से आसन का कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा ‘‘जो कुछ कहा जा रहा है, अगर वह हो रहा है तो समाधान यहां नहीं है. आप पुलिस में शिकायत कर सकते हैं, आप चुनाव आयोग में जाकर समाधान मांग सकते हैं. मेरे पास इसका कोई समाधान नहीं है.’’ कुरियन ने कहा कि चुनाव आयोग को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए आसन के आदेश की जरूरत नहीं है क्योंकि वह ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध है और ‘‘वह ऐसा कर रहे हैं.’’
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हंगामे के कारण भोजनावकाश के पहले चार बार बैठक स्थगित हुई. भोजनावकाश के बाद कार्यवाही शुरू होने पर नकवी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष सहित कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने गुजरात के लिए आपत्तिजनक आरोप लगाए हैं. नकवी ने इसे गुजरात को बदनाम करने की कांग्रेस की साजिश बताते हुए कहा कि कांग्रेस सदस्यों को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए.
कांग्रेस सदस्य बीके हरिप्रसाद ने गुजरात में राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के विधायकों को धमकी देने का आरोप दोहराते हुए कहा कि इस काम में प्रधानमंत्री कार्यालय सीधे तौर पर शामिल है. कांग्रेस सदस्यों के प्रतिवाद के बीच नकवी ने कहा कि गुजरात में कांग्रेस के नेता पार्टी छोड़ रहे हैं, और पार्टी से अपना घर संभल नहीं रहा है. नकवी ने इस मामले में पीएमओ की संलिप्तता के कांग्रेस के आरोप को आपत्तिजनक बताया.
VIDEO : राष्ट्रपति के बयान पर हंगामा
सदन में हंगामे को देखते हुए कुरियन ने दोनों पक्षों को शांत कराने की कोशिश करते हुए कहा कि अभी गैरसरकारी कामकाज का समय है. लेकिन उनकी अपील का असर नहीं हुआ और उन्होंने दो बजकर 43 मिनट पर सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी.
(इनपुट एजेंसियों से)
गुजरात के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर राज्यसभा में आज कांग्रेस सदस्यों ने भारी हंगामा किया और बार-बार आसन के समक्ष आकर नारेबाजी की जिससे सदन की कार्यवाही लगातार बाधित हुई. हंगामे की वजह से सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल दोनों नहीं हो पाए. शुक्रवार होने के नाते सदन में आज गैर सरकारी कामकाज होना था. लेकिन वह भी हंगामे की भेंट चढ़ गया.
कांग्रेस का आरोप था कि गुजरात में पुलिस ने उच्च सदन के चुनाव को प्रभावित करने की खातिर पार्टी के एक विधायक का अपहरण कर लिया है. कांग्रेस सदस्यों ने भाजपा पर राज्यसभा का चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस के विधायकों को ‘‘चुराने’’ का आरोप लगाया. कांग्रेस सदस्यों ने बार-बार आसन के समक्ष आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
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सुबह बैठक शुरू होने पर विपक्ष के नेता और वरिष्ठ कांग्रेस सदस्य गुलाम नबी आजाद तथा उनके पार्टी सहयोगी आनंद शर्मा ने यह मुद्दा उठाया. आजाद ने आरोप लगाया कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होने चाहिए लेकिन गुजरात में आसन्न राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर पुलिस ने उनके एक विधायक का अपहरण किया. उन्होंने कहा कि यह कथित अपहरण जिस पुलिस अधीक्षक ने किया है, वह पहले फर्जी मुठभेड़ के आरोप में जेल भी जा चुके हैं.
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आजाद ने कहा कि वह कांग्रेस के उन तीन विधायकों के इस्तीफे का मुद्दा नहीं उठा रहे हैं जिन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि इस्तीफा देने वाले इन तीन विधायकों में से एक को तो तत्काल राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा का उम्मीदवार बना दिया गया.
आजाद ने कहा कि गुजरात के विधायक पूनाभाई गामित पार्टी की एक बैठक में शामिल होने के बाद एक अन्य विधायक के घर जा रहे थे. उसी दौरान जिला पुलिस अधीक्षक ने उनका ‘‘अपहरण’’ कर लिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक कपड़े बदलने का बहाना कर वहां से बच पाए. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने व्यवस्था के प्रश्न के तहत यह मुद्दा उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि गुजरात में सत्ताधारी भाजपा ने संविधान का उल्लंघन किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में पार्टी ने विधायकों का अपहरण करने के लिए पुलिस का उपयोग किया है.
शर्मा ने कहा कि इस बात की गारंटी दी जानी चाहिए कि राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष हों.
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केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कांग्रेस के आरोप का खंडन करते हुए कहा कि यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है. कांग्रेस के विधायक और राज्य विधानसभा में पार्टी के नेता अब पार्टी छोड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विधायकों ने राष्ट्रपति चुनाव में अपने ही उम्मीदवार को वोट नहीं दिया. ‘‘यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है.’’ संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराना चुनाव आयोग की जिम्मदारी है. ‘‘अगर उन्हें कोई शिकायत है तो उन्हें चुनाव आयोग के पास जाना चाहिए. राज्यसभा वह स्थान नहीं है जहां विरोध जताया जाए.’’ आजाद ने कहा, ‘‘आपको संविधान की रक्षा करनी होगी. मतदाताओं का अपहरण किया जा रहा है. हम कहां जाएं.’’
उप सभापति पीजे कुरियन ने कहा कि चुनाव से आसन का कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा ‘‘जो कुछ कहा जा रहा है, अगर वह हो रहा है तो समाधान यहां नहीं है. आप पुलिस में शिकायत कर सकते हैं, आप चुनाव आयोग में जाकर समाधान मांग सकते हैं. मेरे पास इसका कोई समाधान नहीं है.’’ कुरियन ने कहा कि चुनाव आयोग को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए आसन के आदेश की जरूरत नहीं है क्योंकि वह ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध है और ‘‘वह ऐसा कर रहे हैं.’’
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हंगामे के कारण भोजनावकाश के पहले चार बार बैठक स्थगित हुई. भोजनावकाश के बाद कार्यवाही शुरू होने पर नकवी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष सहित कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने गुजरात के लिए आपत्तिजनक आरोप लगाए हैं. नकवी ने इसे गुजरात को बदनाम करने की कांग्रेस की साजिश बताते हुए कहा कि कांग्रेस सदस्यों को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए.
कांग्रेस सदस्य बीके हरिप्रसाद ने गुजरात में राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के विधायकों को धमकी देने का आरोप दोहराते हुए कहा कि इस काम में प्रधानमंत्री कार्यालय सीधे तौर पर शामिल है. कांग्रेस सदस्यों के प्रतिवाद के बीच नकवी ने कहा कि गुजरात में कांग्रेस के नेता पार्टी छोड़ रहे हैं, और पार्टी से अपना घर संभल नहीं रहा है. नकवी ने इस मामले में पीएमओ की संलिप्तता के कांग्रेस के आरोप को आपत्तिजनक बताया.
VIDEO : राष्ट्रपति के बयान पर हंगामा
सदन में हंगामे को देखते हुए कुरियन ने दोनों पक्षों को शांत कराने की कोशिश करते हुए कहा कि अभी गैरसरकारी कामकाज का समय है. लेकिन उनकी अपील का असर नहीं हुआ और उन्होंने दो बजकर 43 मिनट पर सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी.
(इनपुट एजेंसियों से)
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