केंद्र सरकार ने 8 जून से खुलने जा रहे दफ्तरों के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं. गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आदेश के अनुसार अगर कोई कर्मचारी Covid-19 के कंटेन्मेंट जोन में रहता है तो उसे घर से काम (Work From Home) की इजाजत तब तक दी जानी चाहिए जब तो उसका इलाका स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कोविड-19 फ्री नहीं घोषित कर दिया जाता. मंत्रालय के अनुसार इस अवधि को छुट्टियों में नहीं जोड़ा जाएगा. सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की योजना के तहत मंत्रालय द्वारा जारी SOP के अनुसार, अगर किसी ऑफिस में कोविड-19 के एक या दो मामले पाए जाते हैं तो पूरे दफ्तर परिसर को बंद करने की जरूरत नहीं है. ऑफिस को वायरस फ्री किए जाने के बाद काम फिर से शुरू किया जा सकता है. अगर कोविड-19 के ज्यादा मामले सामने आते हैं तो पूरे भवन को 48 घंटे के लिए बंद करना होगा और सभी कर्मचारी तब तक घर से काम करेंगे. मंत्रालय ने कहा कि कंटेन्मेंट जोन में हॉस्पिटल और अन्य जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी दफ्तर बंद रहेंगे.
एसओपी के अनुसार, हाथ की स्वच्छता के लिए सैनिटाइजर मशीन और शरीर के तापमान की जांच करने के लिए उचित मशीनों का ऑफिस के एंट्री गेट पर होना जरूरी है और बिना किसी लक्षण वाले कर्मचारी को ही इसमें प्रवेश दिया जाएगा. निर्देशों के अनुसार चेहरा ढंकना और मास्क पहनना हर एंप्लॉय के लिए जरूरी होगा. कोई भी कर्मचारी अगर कन्टेनमेंट जोन के अंतर्गत रहता है तो वह इसकी जानकी अपने अधिकारी को खुद देगा और तब तक वर्क फ्रॉम होम कर सकेगा जबतक उसके इलाके को संक्रमण मुक्त होने का सर्टिफिकेट सरकारी संस्था द्वारा नहीं दिया जाता है. इसके अलावा 65 वर्ष से अधिक आयु वाले कर्मचारी तथा गर्भवती महिलाओं को घर पर ही रहने की सलाह दी गई है.
एसओपी के अनुसार दफ्तर में काम करने वाले ड्राइवर्स को सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन, वाहन के अंदर भी करना होगा. कंपनी यह सुनिश्चित करेगी कि उसे Covid-19 के दौरान नियमों की जानकारी है या नहीं. अगर ड्राइवर किसी कंटेन्मेंट जोन का निवासी है तो उसे वाहन चलाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. दफ्तरों में इस्तेमाल होने वाले वाहनों को पैसेंजर के उतरने के बाद डिसइंफेक्ट करना जरूरी है.
दफ्तरों से अपील की गई है कि जितना संभव हो सके वह मीटिंग के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग का इस्तेमाल करें. साथ ही किसी भी दफ्तर के अंदर बड़ी संख्या में मीटिंग करने पर पाबंदी रहेगी. जरूरी मीटिंग के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन करना जरूरी होगा.
मंत्रालय का कहना है कि ऑफिस या फिर ऐसी कोई भी जगह, जहां पास-पास बैठने की व्यवस्था हो वहां कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल सकता है. यह वर्क स्टेशन, ऑफिस की गैलेरी, बाथरुम, लिफ्ट, सीढ़ियों, पार्किंग प्लेस, कैफिटेरिया जैसी जगहों पर भी तेजी से फैल सकता है. लिहाजा ऐसी जगहों को समय-समय पर सैनिटाइज करना जरूरी होगा. और संदिग्ध का मामला पता चलने पर तुरंत एक्शन लेने की जरूरत होगी ताकि इसे फैलने से रोका जा सके. साथ ही दरवाजों के हैंडल, लिफ्ट के बटन, बाथरुम के दरवाजे जैसी जगहों को लगातार सैनिटाइज किए जाने की जरूरत है.
भीड़ वाली जगहों पर लाइन सिस्टम का इंतजाम किया जाना है, जहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी होगा. कैफिटेरिया या कैंटीन जैसी जगहों पर कर्मचारी व वेटरों को मास्क और ग्लव्स पहना जरूरी होगा, साथ ही दूसरे नियमों का पालन करना भी जरूरी है. कर्मचारियों के सीटिंग व्यवस्था के दौरान भी सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना जरूरी होगा.
गौरतलब है कि 31 मई को लॉकडाउन खत्म होने के बाद सरकार ने 1 जून से अनलॉक-1 की घोषणा की है, इसके अंतर्गत आठ जून से रेस्टोरेंट और मॉल्स को खास ऐहतियात का पालन करने हुए खोलने के निर्देश दिए गए हैं. नए दिशानिर्देशों के अंतर्गत धार्मिक स्थल जाते समय धार्मिक ग्रंथों और मूर्तियों को नहीं छूने की समझाइश लोगों को दी गई है. मॉल, रेस्टोरेंट जाते समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और मॉस्क पहनने के निर्देश जारी किए गए हैं.गौरतलब है कि देश में कोरोना केसों की संख्या बढ़ते हुए दो लाख के पार पहुंच गई है.
Video: रेस्तरां, मॉल, होटल और धार्मिक स्थानों के लिए दिशानिर्देश जारी
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