
बम-बम भोले जयकारे के साथ 2 जुलाई से जम्मू से बाबा अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) की शुरुआत हो गई. पहले जत्थे को उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया. इस दौरान हर श्रद्धालु बम-बम भोले और हर-हर महादेव के नारे लगाता रहा. पहले जत्थे में चार हजार के करीब यात्री पहलगाम और बालटाल के लिये रवाना हुए हैं. अमरनाथ पवित्र गुफा के दर्शन के लिये देशभर से श्रद्धालु जम्मू पहुंचे हुए है. यहां से श्रद्धालुओं को कड़ी सुरक्षा में बेस कैंप ले जाया गया हैं. हालांकि जम्मू और श्रीनगर से आने वाले यात्री अधिकारिक तौर पर 3 जुलाई यानि कल ही दर्शन कर पाएंगे.
Flagged off first batch of pilgrims of Shri Amarnath Ji Yatra-2025 from Bhagwati Nagar Base Camp. Wishing all spiritual seekers a safe & comfortable journey to the holy abode of Lord Shiva and deeply soul-stirring experience. Prayed to Baba Amarnath for peace & blessings to all. pic.twitter.com/2JIoxvAD4G
— Office of LG J&K (@OfficeOfLGJandK) July 2, 2025
अमरनाथ यात्रियों का पहला जत्था रवाना
यात्रियों के पहले जत्थे को रवाना करने के बाद जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं के लिए बेहतरीन व्यवस्था की है, ताकि उनको कोई तकलीफ ना हों. यही वजह है कि आज देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले तीर्थयात्रियों में जबरदस्त उत्साह है. यही वजह है कि आतंकी खतरों को नजरअंदाज करके बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिये आ रहे हैं.उन्होंने उम्मीद जताई कि इस साल की यात्रा पिछले सालों की तुलना में और भी बेहतर और सुचारू होगी. जम्मू से लेकर गुफा तक चप्पे चप्पे मे सुरक्षा बल तैनात है.
अमरनाथ यात्रियों पर सुरक्षा बलों की पैनी नजर
सेना, जम्मू कश्मीर पुलिस, केन्द्रीय पुलिस बल के लाखों जवान की पैनी नजर जमीन से लेकर आसमान तक हैं. 38 दिन तक चलने वाली यात्रा का समापन 9 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन होगा. पिछले साल यह यात्रा 52 दिनों तक की थी. उस साल करीब 5 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन किए थे.इस बार 3.20 लाख तीर्थयात्री अब तक पंजीकरण करा चुके हैं. यात्रियों की सुविधा के लिए ऑन स्पाट राजिस्ट्रेशन की भी सुविधा उपलब्ध है, लेकिन अच्छा रहेगा कि यात्री दर्शन के लिए अपना राजिस्ट्रेशन पहले करवाकर आए.
बिना चिकित्सा स्वास्थ प्रमाण पत्र दर्शन की इजाजत नहीं
अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने यह भी साफ कि इस बार बिना पंजीकरण और चिकित्सा स्वास्थ प्रमाण पत्र के किसी को भी दर्शन की इजाजत नहीं दी जाएगी. समुद्र तल से करीब 13 हजार फीट पर बाबा अमरनाथ गुफा के लिए दो रास्ते हैं. एक रास्ता श्रीनगर से करीब 100 किलोमीटर दूर पहलगाम से है. दूसरा मार्ग श्रीनगर से 110 किलोमीटर दूर बालटाल से है. पहलगाम से गुफा का मार्ग पारम्परिक, यह 45 किलोमीटर लंबा है. यह रास्ता थोड़ा मुश्किल भी हैं. जबकि बालटाल से गुफा की दूरी करीब 14 किलोमीटर पर है. यह रास्ता आसान है इसलिए ज्यादातर यात्री इसी रास्ते से होकर आते जाते हैं.
केन्द्रीय पुलिस बलों की 581 कंपनियां तैनात
गुफा में पवित्र बर्फ का हिमलिंग मौजूद होता है. यह स्वाभाविक रूप से तैयार होता है, जो कि तीर्थयात्रियों के लिए यह मुख्य आकर्षण होता है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद सरकार सतर्क है. केन्द्रीय पुलिस बलों की 581 कंपनियां तैनात की गई है ताकि अमरनाथ यात्रा सफल और शांतिपूर्ण हो. सुरक्षा के लिहाज से पूरे अमरनाथ यात्रा को नो फ्लाइंग जोन घोषित किया गया है. सरकार की कोशिश यही है यात्रा में किसी तरह का खलल न हो इसके लिये हर संभव इंतजाम किए जा रहे हैं.
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