जमीनी सरहद से घुसपैठ रोकने के लिए सरकार ने कमर कसी

जमीनी सरहद से घुसपैठ रोकने के लिए सरकार ने कमर कसी

प्रतीकात्मक चित्र

नई दिल्ली:

पठानकोट हमले के बाद जमीनी सरहद से होने वाले घुसपैठ को रोकने के लिए सरकार ने कमर कस ली है। सरकार एक ऐसी पांच स्तरीय सुरक्षा योजना पर काम कर रही है, जिसके तहत सरहद पर हर जगह ऐसी व्यवस्था करने जा रही है जिसके तहत अगर कहीं भी सीमा पर चूक या फिर घुसपैठ होती है तो न केवल सीधे दिल्ली से नजर रखी जा सकती है बल्कि कार्रवाई भी की जा सके।

गृह मंत्रालय के मुताबिक महत्वकांक्षी पांच स्तरीय सुरक्षा योजना में सीमा पर होने वाली हर हरकत पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरा, थर्मल इमेज और रात में देखे जाने वाले उपकरण, लड़ाई क्षेत्रों में निगरानी के लिए इस्तेमाल होने वाले रडार, अंडरग्राउंड मॉनिटरिंग सेंसर्स और लेजर अवरोधकों का इस्तेमाल किया जाएगा।

नौसेना ने ऐसी चाक चौबंद व्यवस्था मुंबई हमले के बाद अपनी समुद्री सरहद की निगरानी के लिए किया है। इसके तहत गुड़गांव में एक ऐसा सेंटर बनाया गया जिसके जरिये अपनी समुद्री सरहद पर होने वाली हर हरकत पर यही से नजर रखी जा सकती है।

नौसेना ने करीब सारे संवेदनशील समुद्री इलाके में रडार और सेंसर लगाए है जिससे अगर कोई संदिग्ध नाव या फिर दूसरी हरकत होती है तो वो तुरंत उचित कार्रवाई कर सकते है।

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सरकार की चिंता इसलिए भी और बढ़ गई है पाकिस्तान से लगी सीमा पर बाड़ लगाने और लाखों सैनिक तैनात करने बावजूद घुसपैठ पर लगाम नहीं लग पा रही है। कई जगहों पर नदी और दूसरे अवरोध होने की वजह से बाड़ नही लगाए जिसका फायदा अक्सर आतंकी उठा लेते है। पठानकोट मामले में भी ऐसा ही हुआ। आतंकी उसी रास्ते से पठानकोट मे दाखिल हुए जहां नदी होने की वजह से बाड़ नही लगाया जा सका था। अब मोदी सरकार की योजना ऐसी है कि पाकिस्तान से लगी सीमा को पूरी तरह ऐसा घेराबंदी करने की है जिसे आतंकी या फिर स्मगलर कभी भेद ना पाए।