
देश में आर्थिक सुस्ती और बेरोजगारी की खबरों के बीच केंद्र सरकार के ही आंकड़े ने उसे सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. दरअसल, केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत के तहत विभिन्न राज्यों में सृजित नौकरियों का आंकड़ा पेश किया है. इस आंकड़े ने सरकार ने उन दावों पर सवाल खड़े कर दिये हैं, जिनमें देश में बेरोजगारी की बात को लगभग नकार दिया गया है. सरकार के आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष (2019-20) में 31 अक्टूबर तक देशभर में सिर्फ 2,11,840 लोगों को ही नौकरी मिल पाई है. त्रिपुरा, केरल, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना और पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात की स्थिति सबसे खराब है.पीएमईजीपी के तहत राज्यवार मिली नौकरियों की संख्या
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत 31 अक्टूबर तक त्रिपुरा में एक भी शख़्स को नौकरी नहीं मिली. तो वहीं, केरल में सिर्फ 72, जम्मू-कश्मीर में 216, गुजरात में 264, तेलंगाना में 256, राजस्थान में 312 और दिल्ली में कुल 368 लोगों को ही नौकरी मिल पाई. इसी तरह पंजाब, झारखंड, छत्तीसगढ़ और लक्षद्वीप में भी स्थिति कुछ अच्छी नहीं है. इन राज्यों में भी पीएमईजीपी के तहत नौकरी पाने वालों की संख्या 500 से 2000 के अंदर ही है.
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जम्मू-कश्मीर में बिगड़ी स्थिति, त्रिपुरा की स्थिति जस की तस
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत सृजित नौकरियों के डाटा पर गौर करें तो जम्मू-कश्मीर उन राज्यों में शुमार है, जहां स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. 2016-17 में इस योजना के तहत राज्य में 11691, 2017-18 में 30024 और 2018-19 में 1832 लोगों को नौकरी मिली थी. लेकिन इस वित्त वर्ष में 31 अक्टूबर तक सिर्फ 216 लोगों को ही नौकरी मिल पाई है. इसी तरह त्रिपुरा में इस बार भी अबतक कोई बदलाव नहीं हुआ है. पिछले वित्त वर्ष में भी राज्य में
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत किसी को नौकरी नहीं मिली थी.
अबतक 2,6480 प्रोजेक्ट को मिली सरकारी सहायता
दरअसल, केरल के अलपुझा से सीपीआईएम के सांसद ए.एम आरिफ ने सरकार से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) का ब्यौरा और पिछले तीन वर्षों में केरल समेत विभिन्न राज्यों में कार्यरत व्यक्तियों की संख्या पूछी थी. इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह आंकड़ा प्रस्तुत किया. आंकड़े के मुताबिक प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत 2016-17 में कुल 4.08 लाख, 2017-18 में 3.87 लाख, 2018-19 में 5.87 लाख और मौजूदा वित्त वर्ष में अबतक 2.11 लाख लोगों को नौकरी मिली है. इसी तरह, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत इस वित्त वर्ष में अबतक 26480 परियोजनाओं को सहायता दी गई है.
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