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6 years ago
नई दिल्ली:

लोकसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार ने अपने मास्टरस्ट्रोक के तहत आर्थिक तौर पर कमजोर सवर्णों (Quota Bill For Economically Weak In General Category) को सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण देने का फ़ैसला किया है. लोकसभा के बाद यह बिल राज्यसभा से भी पास हो गया. राज्यसभा में लगभग 10 घंटे तक चली बहस के बाद हुई वोटिंग में बिल के पक्ष में 165, जबकि विरोध में सिर्फ 7 वोट पड़े. राष्ट्रीय जनता दल और AIADMK ने इस बिल का विरोध किया. लोकसभा चुनाव से पहले इसे मोदी सरकार की बड़ी जीत मानी जा रही है. राज्यसभा से बिल पास होने के बाद पीएम मोदी ने इसपर खुशी जताई. उन्होंने ट्वीट किया, 'राज्यसभा द्वारा 124वां संविधान संशोधन बिल पास किए जाने से खुश हूं. बिल को मिले व्यापक समर्थन को देखकर काफी प्रसन्नता हुई. सदन में इस पर काफी जीवंत बहस भी देखने को मिली, जहां कई सदस्यों ने अपनी व्यावहारिक राय रखी. बिल का संसद के दोनों सदनों में पास होना सामाजिक न्याय की जीत है. वहीं, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने राज्यसभा से बिल पास होने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी को बधाई दी. उन्होंने ट्वीट किया, 'आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को आरक्षण देने वाले विधेयक के राज्यसभा में पास होने पर प्रधानमंत्री मोदी जी को हार्दिक बधाई और इसका समर्थन करने वाले सभी सदस्यों का आभार.' बता दें कि इस विधेयक के तहत सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित करने का प्रस्ताव किया गया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 7 जनवरी को इस बिल को मंजूरी दी थी. 

 

Parliament UPDATES: Quota For Economically Weak In General Category in Rajya Sabha

राज्यसभा में उपसभापति ने शीतकालीन सत्र में हुए कामकाज का ब्योरा देते हुए सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने राज्यसभा से बिल पास होने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी को बधाई दी. उन्होंने ट्वीट किया, 'आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को आरक्षण देने वाले विधेयक के राज्यसभा में पास होने पर प्रधानमंत्री मोदी जी को हार्दिक बधाई और इसका समर्थन करने वाले सभी सदस्यों का आभार.'
आप नेता संजय सिंह ने कहा कि हमने वोटिंग का बहिष्कार किया, क्योंकि इस बिल के जरिये गरीब सवर्णों की पीठ में छुरा घोंपने का काम सरकार ने किया है. 
लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हुआ आर्थिक आधार पर आरक्षण बिल. बिल के समर्थन में 165, जबकि विरोध में सिर्फ 7 वोट पड़े. 

सेलेक्ट कमेटी को नहीं भेजा जाएगा बिल.
राज्यसभा में आरक्षण बिल पर बहस पूरी, वोटिंग शुरू हुई.
दलित आरक्षण खत्म कर देगा यह बिल: आम आदमी पार्टी
आम आदमी पार्टी की ओर से संजय सिंह ने कहा कि अगर ये बिल आज पास हो गया तो आने वाले दिनों में आरएसएस दलित और पिछड़ों का आरक्षण खत्‍म कर देगी. आरएसएस ने पिछले 90 साल में एक भी प्रमुख दलित नहीं बनाया है. संजय सिंह ने कहा कि इस बिल के तहत सरकार ने गरीब सवर्णों को धोखा देने का काम किया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी की 'राजधानी' में बैठने वाले लोग दलित विरोधी हैं और वहीं से इस बिल का दस्तावेज आया है. 

BSP नेता बोले- बाउंड्री पार नहीं करेगा ये 'छक्का'
राज्यसभा में चर्चा में भाग लेते हुए बसपा नेता सतीश चन्द्र मिश्रा ने इस विधेयक को एक 'छलावा' बताया. उन्होंने कहा कि कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसे मैच जिताने वाला छक्का बताया था, लेकिन यह छक्का बाउंड्री भी नहीं पार कर पाएगा. उन्होंने कहा कि इस विधेयक का हश्र फिल्म 'लगान' जैसा ही होगा. मिश्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हाथी (बसपा का चुनाव चिन्ह) और साइकिल (सपा का चुनाव चिन्ह) ने हाथ मिला लिए हैं. उन्होंने कहा कि दो दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों की नव वर्ष पर मुलाकात के बाद से ही सरकार दहशत में आ गई और रातों रात यह विधेयक तैयार किया गया. 
'सामान्य वर्ग का आरक्षण मैच जिताने वाला छक्का'
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग को आरक्षण देने के मोदी सरकार के फैसले को मैच जिताने वाला छक्का बताते हुए कहा कि अभी इस मैच में विकास से जुड़े और भी छक्के देखने को मिलेंगे. सामान्य वर्ग को शिक्षा एवं रोजगार में आरक्षण देने संबंधी संविधान 124वें संशोधन विधेयक पर बुधवार को राज्यसभा में चर्चा में हिस्सा लेते हुए प्रसाद ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि सरकार ने यह साहसिक फैसला समाज के सभी वर्गों को विकास की मुख्य धारा में समान रूप से शामिल करने के लिए किया है.

राज्यसभा में आरक्षण बिल पर बहस के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर 8 लाख कमाने वाला गरीब है तो इनकम टैक्स भी माफ हो.
कोटा बिल पर राज्यसभा में कपिल सिब्बल ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10% आरक्षण के मंडल आयोग के प्रावधान को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक घोषित कर दिया. अगर 9 जजों की पीठ ने इसे असंवैधानिक ठहराया है, तो आप संविधान में संशोधन कैसे कर सकते हैं?
कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि जितनी नौकरियां पैदा नहीं हुई उससे कई ज्यादा नौकरियां चली गईं हैं. प्राइवेट और सरकारी दोनों ही क्षेत्र में नौकरियों की संख्या घटी है.
  
कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने राज्यसभा में चर्चा के दौरान कहा कि बिल की राह में कई रोड़े हैं. उन्होंने कहा कि आरक्षण नहीं नौकरियां चाहिए. 
राजद नेता मनोज कुमार झा ने कहा कि समाज की सोच में बदलाव जरूरी है. उन्होंने कहा कि सरकार व्हाट्सऐप पर चल रही है. उन्होंने कहा कि हम एकमात्र दल हैं जो इस बिल का विरोध कर रहे हैं. 
जेडीयू सांसद आरसीपी सिंह ने कहा कि निजी क्षेत्र और न्यायपालिका में भी आरक्षण लागू की जाए.
बीजू जनता दल ने भी बिल का किया समर्थन, लेकिन सरकार की हड़बड़ी पर उठाए सवाल.
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने राज्यसभा में आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि नोटबंदी सबसे बड़ी तबाही है. उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण पर बीजेपी कभी बात क्यों नहीं करती? बीजेपी इस पर बिल क्यों नहीं लाती? 
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि पहले कानून बनाने के लिए पूरी प्रक्रिया का पालन होता था, अब बिल को लाने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल किया गया.
राज्यसभा में बहस के दौरान AIADMK ने सवर्णों को 10% आरक्षण का विरोध किया.

आरक्षण बिल पर सपा नेता रामगोपाल यादव: 
सपा नेता रामगोपाल ने कहा कि 98 फीसदी गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण और 2 प्रतिशत अमीर लोगों को 40 फीसदी आरक्षण देने की बात को जरा समझाइए. अगर आप समता के अधिकार की बात करते हैं तो बताइए कहां है समता अधिकार?
रामगोपाल यादव ने कहा कि मोदी सरकार में ईमानदारी नहीं है. अगर आप सवर्ण गरीबों की वास्तव में भलाई चाहते तो इस बिल को कभी भी ला सकते थे. मगर आपका निशाना सिर्फ और सिर्फ 2019 का लोकसभा चुनाव है. 
राम गोपाल यादव ने कहा कि हम आर्थिक आधार पर आरक्षण के पक्ष में हैं, हम इस बिल के साथ में हैं.
आरक्षण बिल पर राज्यसभा में बहस के दौरा सपा नेता डॉ. रामगोपाल यादव ने कहा ऊंच-नीच की भावना बदलनी होगी.
आनंद शर्मा ने कहा कि पहले कुछ नहीं हुआ, सब अभी हो रहा है, यह कहना गलत है. पहले कुछ नहीं हो तो आप क्या लेकर आए थे. देश के लोगों को कई आश्वासन दिए गये थे 2014 में. सबका साथ-सबका विकास कहा गया. देश के लोगों से 2014 में कई वादे किए गए थे, मगर क्या हुआ....
आनंद शर्मा ने कहा कि आखिर संसद सत्र के आखिरी समय में यह क्यों लाया गया. चुनाव से ठीक पहले इस बिल को लाने से कई सवाल उठ रहे है. टीम इंडिया तो ऑस्ट्रेलिया में जीत गई, मगर बीजेपी तो 5-0 से मैच हार गई. 

 आरक्षण के इतिहास को समझने की जरूरत: कांग्रेस नेता आनंद शर्मा

आरक्षण बिल पर कांग्रेस की ओर से आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार का कहना है कि सामान्य वर्ग के गरीबों को भी आरक्षण मिलना चाहिए मगर इसके लिए हमें आरक्षण के इतिहास को समझना चाहिए. आरक्षण उनके लिए लाया गया था जिनके साथ ऐतिहासिक अन्याय हुआ, जिनके साथ सामाजिक अन्याय हुआ. उनके संरक्षण के तौर पर आरक्षण को लाया गया था. 

आरक्षण बिल पर भाजपा सांसद प्रभात झा
भाजपा सांसद प्रभात झा ने कहा कि यह बिल देश की 95 फीसदी जनता की आवाज है क्योंकि इस बिल से देश की 95 फीसदी जनता को लाभ होगा. मेरे कांग्रेस के मित्रों आज तो दिल खोलकर दिखा दो कि भारतीय राजनीति उदारता की राजनीति है. इसे सिर्फ मोदी जी से जोड़कर मत देखो. उन्होंने आगे कहा कि विचारधारा के नाम पर विरोध तो हमेशा चलता रहेगा, मगर लोगों के विकास के लिए तो सबको एक साथ आना चाहिए. 
आरक्षण बिल पर राज्यसभा में बहस:
आरक्षण बिल पर विपक्ष का टोका-टोकी जारी. एक टिप्पणी को लेकर विपक्ष कर रहा हंगामा.
नागरिकता संशोधन बिल पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में दिया जवाब:

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज असम समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में स्थिति सामान्य है और वहां शांति के लिए हर मुमकिन कोशिश करेंगे. जरूरी हुआ तो पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक भी की जाएगी. राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारी सरकार में पूर्वोत्तर राज्यों में विकास काफी तेज हुआ है. उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल पर कुछ गलत बातें फैलाई जा रही हैं जो कि गलत हैं. यह तीन पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों के लिए लेकर आए हैं और यह सिर्फ असम के लिए नहीं है बल्कि पूरे देश के लिए है. 
राज्यसभा की कार्यवाही एक बार फिर से शुरू हो गई है. नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा कर रहे हैं केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह.
प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण की मांग:
कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने एनडीटीवी से कहा कि ' हम प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण की रामविलास पासवान की मांग का समर्थन करते हैं. बता दें कि रामविलास पासवान ने कहा है कि देश में नौकरियों की कमी है, इसलिए प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण की मांग की है. 

आर्थिक आधार पर आरक्षण बिल को लेकर राज्यसभा में हंगामे के बाद कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित
राज्यसभा में राजद नेता मनोज झा ने कहा कि यह मध्य रात्री की डकैती है. संविधान की मूल ढांचे के साथ छेड़छाड़ हो रही है. 
राज्यसभा में आर्थिक आधार पर आरक्षण का बिल पास होते ही विपक्ष जमकर हंगामा कर रहा है. सरकार की ओर से थावरचंद गहलोत जहां इसका जवाब दे रहे हैं, वहीं विपक्ष इस पर हंगामा कर रहा है. 
राज्यसभा में पेश किया गया आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण का बिल
हंगामे की वजह से राज्यसभा की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित हो गई है.
राज्य सभा में अरुण जेटली ने कहा कि देश को उम्मीद है कि सदन चलेगा. सामान्य कामकाजी दिनों के अनुसार, हमें काम करना चाहिए था, उनमें से अधिकांश दिनों में सदन स्थगित हो गया. विधानों पर विचार करने के लिए एक अतिरिक्त दिन रखा गया है.
राज्यसभा में संसदीय मामलों के मंत्री विजय गोयल ने कहा कि सरकार चाहती है कि सरकार सदन के कामकाज को एक दिन और बढ़ाना चाहती है क्योंकि इसमें महत्वपूर्ण विधेयक पारित होने हैं.
कांग्रेस ने सदन की कार्यवाही एक दिन के लिए बढ़ाए जाने के फैसले का विरोध किया. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने राज्यसभा में कहा, "जिस तरह सदन की कार्यवाही को विपक्षी पार्टियों की सहमति के बिना बढ़ाया गया, वह सही नहीं है... अब स्थिति ऐसी है कि सरकार और विपक्ष के बीच संवाद होता ही नहीं है... अगर सदन नहीं चल पा रहा है, तो उसके लिए सबसे ज़्यादा ज़िम्मेदारी सरकार की है..."
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सदन में टीएमसी सांसद सुखेन्दु शेखर राय ने राज्यसभा की कार्यवाही एक दिन बढ़ाने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सदस्यों को पहले से इसकी जानकारी नहीं दी गई. 
आज राज्यसभा में:
संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन यानी आज आर्थिक आधार पर आरक्षण से जुड़ा 124वां संविधान संशोधन बिल पेश किया जाएगा. साथ ही राज्यसभा के एजेंडे में तीन तलाक बिल और नागरिकता संशोधन बिल भी शामिल है, जिसे लोकसभा में पहले पास कराया जा चुका है. 

राज्यसभा की कार्यवाही एक दिन बढ़ाने के लिए विपक्ष हंगामा कर रहा है और कांग्रेस यह आरोप लगा रही है कि सरकार को फायदा पहुंचाने के लिए एक दिन का सत्र बढ़ाया गया है.
राज्यसभा में राफेल के मुद्दे पर हंगामा, अरुण जेटली ने विपक्ष के आरोपों पर जवाब दिया.
आर्थिक आधार पर आरक्षण पर आज राज्यसभा में दोपहर दो बजे चर्चा होगी.
राज्यसभा में लिटमस टेस्ट:
आर्थिक रूप से पिछड़े तबके को सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाए गए विधेयक के समय पर राज्यसभा में विपक्षी पार्टियां बुधवार को सवाल उठा सकती हैं. सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि विपक्षी पार्टियों ने अपने सभी सदस्यों से बुधवार को राज्यसभा में मौजूद रहने के लिए कहा है. राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है. मंगलवार को लोकसभा में पेश किए गए आरक्षण विधेयक का लगभग सभी पार्टियों ने समर्थन किया, लेकिन राज्यसभा में विपक्षी पार्टियां इस पर कड़ा रुख अपना सकती हैं.
लोकसभा में बिल पास

सामाजिक कल्याण मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि संविधान संशोधन विधेयक 2019 को भारी बहुमत से पास किया है. उम्मीद है कि राज्यसभा भी भारी बहुमत से पारित करेगी. सभी दलों और सांसद ऐसा सामान्य वर्ग जो गरीब जीवन बिताता है उसे भी आर्थिक और शैक्षणिक लाभ मिले, ऐसी मांग करती रही है. ये बिल जल्दबाजी में नहीं लाया गया. इस विषय में मंडल कमिशन ने भी अपना प्रतिवेदन दिया था और कहा था ऐसे वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण मिले. उसके बाद सिन्हो कमिशन ने भी ऐसा प्रतिवेदन दिया था.
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