आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती को लेकर एक नया मोड़ सामने आया है. माना जा रहा है मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी (Y. S. Jaganmohan Reddy) राज्य में चार राजधानियां बनाने पर विचार कर सकते हैं. भाजपा से राज्यसभा सांसद टी. जी. वेंकटेश (TG venkatesh) ने दावा किया कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) की सरकार एक जगह पर सब कुछ विकसित नहीं कर सकती है, इसलिए राज्य के चार अलग-अलग क्षेत्रों में चार राजधानियों के साथ विकेंद्रीकरण पर विचार किया जा सकता है. वेंकटेश ने कहा कि इस संबंध में जगन मोहन रेड्डी ने केंद्रीय भाजपा नेतृत्व को एक प्रस्ताव भेजा है साथ ही उन्होंने नई दिल्ली में भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं से इस पर चर्चा भी की है.
सांसद ने कहा कि उन्हें भाजपा के एक नेता से पता चला है कि जगन रेड्डी चार राजधानियों के बारे में फैसला कर सकते हैं. रायलसीमा क्षेत्र में कुरनूल के रहने वाले सांसद ने यह भी दावा किया कि उनके क्षेत्र में भी एक राजधानी होगी. ये चार राजधानियां; उत्तर-तटीय क्षेत्र के लिए विजयनगरम, गोदावरी जिलों के लिए काकीनाडा, दक्षिण तटीय बेल्ट के लिए गुंटूर, और रायलासीमा के लिए कडप्पा होने की संभावना है.
वेंकटेश ने यह खुलासा ऐसे समय में किया है जब मंत्रियों और वाईएसआरसीपी नेताओं के विरोधाभासी बयानों ने भ्रम पैदा कर दिया है कि क्या राजधानी को अमरावती से स्थानांतरित किया जाएगा.
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शहरी विकास मंत्री बोत्सा सत्यनारायण ने हाल ही में कहा था कि कृष्णा नदी का क्षेत्र बाढ़ग्रस्त है इसलिए राजधानी के रूप में अमरावती पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है. हालांकि जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की अमरावती को राज्य की राजधानी बनाने के विचार काफी विरोध किया था. इसका कारण यह है कि जगन मोहन नहीं चाहते कि उपजाऊ कृष्णा डेल्टा में एक "कंक्रीट जंगल" बनाया जाए.
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