मोहाली:
बॉलीवुड फिल्म 'उड़ता पंजाब' को लेकर चर्चा गर्म है। फिल्म में पंजाब कि युवा पीढ़ी को नशे की गिरफ्त में दिखाए जाने पर अकाली-बीजेपी सरकार को सख्त ऐतराज है। लेकिन नशे से जूझ रहे नौजवानों की असल जिंदगी की कहानी किसी फिल्म की स्क्रिप्ट से कम नहीं।
13 साल के बच्चे से लेकर 60 साल के बुज़ुर्ग...नशे से छुटकारा पाने की जंग में सब शामिल हैं...हालांकि मोहाली के पास खरड में इस नशा मुक्ति केंद्र में सबसे ज़्यादा नौजवान ही आ रहे हैं।
बठिंडा के 25 साल के एक युवक ने बताया कि इंजीनियरिंग कॉलेज में उसे नशे की लत लगी। उसने बताया कि मैं नशे की हालत में करीब 28 घंटे तक सोता रहा। जब उठा तो मां ने कहा कि मैंने तुम्हारे मुंह में पानी यह सोचकर नहीं डाला कि यदि तू जी गया तो ठीक और यदि मर गया तो भी ठीक...तब मुझे लगा मैंने अपनी मां को बहुत दुःख पहुंचाया है और तब नशा छोड़ने की ठान ली।
उसका कहना है कि आजकल बच्चे भी नशा बेच रहे है। गली गली में नशा बिक रहा है। नशा बेचने वाले जेल जाते हैं। बाहर आकर फिर वही काम करने लगते हैं। किसी को पुलिस का डर नहीं रह गया।
यहीं पर, 12वीं में पढ़ने वाले एक बच्चे ने नशे के चलते एक साल गंवा। जब पता चला कि नशा आसानी से मिलेगा तो जैसे जम्मू से पंजाब के शहरों की दूरी ही मिट गई। उसने बताया कि जब जम्मू में नहीं मिलती तो पठानकोट चला आता था। चक्की बैंक के घरों में चिट्टा मिलता है, फिर किसी ने कहा अमृतसर में मिलती है। ऐसे ही मैं नशे के लिए जालंधर तक पहुंच गया।
कभी खुद 9 साल तक नशे की लत से जूझने वाले जगजीत सिंह जूडो खिलाडी थे। नशे ने खेल में करियर ख़त्म किया तो नशा मुक्ति को मिशन बना लिया। अब पिछले 12 साल से रहत फाउंडेशन चला रहे हैं। जगजीत बताते हैं कि पूरे पंजाब से लड़के आते हैं- होशियारपुर, अमृतसर, जालंधर, मोहाली, चंडीगढ़ सब जगह से..। ये पंजाब की हक़ीक़त है। लेकिन बादल सरकार कह रही है कि पंजाब में नशा करने वाले हैं ही नहीं इसलिए नशा मुक्ति केंद्र बंद करने पड़ रहे हैं।
इस मसले पर स्वास्थ्य मंत्री सुरजीत ज्यानी कहते हैं,' हमने नशा ख़त्म करने के लिए 180 करोड़ रुपये खर्च किये हैं, लेकिन अब नशा मुक्ति केंद्र पर लोग नहीं आ रहे ...इसलिए कुछ नशा मुक्ति केंद्र हमें बंद करने पड़े हैं।'
13 साल के बच्चे से लेकर 60 साल के बुज़ुर्ग...नशे से छुटकारा पाने की जंग में सब शामिल हैं...हालांकि मोहाली के पास खरड में इस नशा मुक्ति केंद्र में सबसे ज़्यादा नौजवान ही आ रहे हैं।
बठिंडा के 25 साल के एक युवक ने बताया कि इंजीनियरिंग कॉलेज में उसे नशे की लत लगी। उसने बताया कि मैं नशे की हालत में करीब 28 घंटे तक सोता रहा। जब उठा तो मां ने कहा कि मैंने तुम्हारे मुंह में पानी यह सोचकर नहीं डाला कि यदि तू जी गया तो ठीक और यदि मर गया तो भी ठीक...तब मुझे लगा मैंने अपनी मां को बहुत दुःख पहुंचाया है और तब नशा छोड़ने की ठान ली।
उसका कहना है कि आजकल बच्चे भी नशा बेच रहे है। गली गली में नशा बिक रहा है। नशा बेचने वाले जेल जाते हैं। बाहर आकर फिर वही काम करने लगते हैं। किसी को पुलिस का डर नहीं रह गया।
यहीं पर, 12वीं में पढ़ने वाले एक बच्चे ने नशे के चलते एक साल गंवा। जब पता चला कि नशा आसानी से मिलेगा तो जैसे जम्मू से पंजाब के शहरों की दूरी ही मिट गई। उसने बताया कि जब जम्मू में नहीं मिलती तो पठानकोट चला आता था। चक्की बैंक के घरों में चिट्टा मिलता है, फिर किसी ने कहा अमृतसर में मिलती है। ऐसे ही मैं नशे के लिए जालंधर तक पहुंच गया।
कभी खुद 9 साल तक नशे की लत से जूझने वाले जगजीत सिंह जूडो खिलाडी थे। नशे ने खेल में करियर ख़त्म किया तो नशा मुक्ति को मिशन बना लिया। अब पिछले 12 साल से रहत फाउंडेशन चला रहे हैं। जगजीत बताते हैं कि पूरे पंजाब से लड़के आते हैं- होशियारपुर, अमृतसर, जालंधर, मोहाली, चंडीगढ़ सब जगह से..। ये पंजाब की हक़ीक़त है। लेकिन बादल सरकार कह रही है कि पंजाब में नशा करने वाले हैं ही नहीं इसलिए नशा मुक्ति केंद्र बंद करने पड़ रहे हैं।
इस मसले पर स्वास्थ्य मंत्री सुरजीत ज्यानी कहते हैं,' हमने नशा ख़त्म करने के लिए 180 करोड़ रुपये खर्च किये हैं, लेकिन अब नशा मुक्ति केंद्र पर लोग नहीं आ रहे ...इसलिए कुछ नशा मुक्ति केंद्र हमें बंद करने पड़े हैं।'
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
फिल्म उड़ता पंजाब, नशा मुक्ति केंद्र, Film Udta Punjab, Drug Rehab Centre, Punjab Health Minister Surjit Jyani, पंजाब स्वास्थ्य मंत्री सुरजीत ज्यानी