कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
राज्यसभा में गुरुवार को विपक्ष ने सरकार के समक्ष फेक न्यूज का मुद्दा उठाया. कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने सरकार से सवाल पूछा कि टीवी चैनल्स पर फेक न्यूज के माध्यम से ब्रेकिंग न्यूज बना दी जाती है और उसके बाद उन फेक न्यूज के प्रमाणित होने के बावजूद उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है? साथ ही उन्होंने ऐसी फेक न्यूज बनाने वाले चैनल्स पर कार्रवाई को लेकर भी सवाल उठाते हुए सरकार से जवाब मांगा.
इस पर सरकार की तरफ से कहा गया कि ऐसे मामलों में शिकायत निवारण का तंत्र है और शिकायत सामने आने पर मंत्रालय स्वयं कार्रवाई भी करता है.
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने उच्च सदन में सवाल उठाया और कहा कि 'मुझे नहीं लगता कि सरकार 2019 के पहले गाइडलाइंस तय कर पाएंगे, लेकिन अगर आपने कठोर और कठिन गाइडलाइंस तय कर दी, तो टीवी चैनल्स के फेक न्यूज का जो राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है, वह अपने आप रूक जाएगा'. सिंह ने यह भी पूछा कि 'ऐसी फेक न्यूज बनाने वाले टीवी चैनल्स पर आप क्या कार्रवाई करेंगे?'
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इसके जवाब में केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि 'जिस तरह विज्ञापनों को लेकर एक सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी है, उसी तरह खबरों के लिए भी स्वयं निवारण निकाय न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन है. इसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज करते हैं और इसके सदस्य भी हैं'.
राठौड़ ने कहा कि 'इस बाबत एक एक प्रणाली/तंत्र पहले से ही मौजूद है और हमने इसे प्रचारित भी किया है. हमने सभी प्रमुख अखबारों में इस बाबत विज्ञापन भी प्रकाशित किया है. साथ ही हमने इसमें एफएम चैनल भी शामिल किए हैं, ताकि अगर किसी को एफएम चैनल्स के कंटेंट से कोई दिक्कत है तो वह इसकी भी शिकायत कर सकता है'.
उन्होंने बताया कि 'समाचार चैनलों के संबंध में कई शिकायतें आईं हैं. अगर किसी भी व्यक्ति को समाचार प्रसारण को लेकर कोई समस्या है, तो वह एनबीएसए को लिख सकता है और इस पर कार्रवाई करेंगे. अगर कोई शिकायत मंत्रालय को की जाती है, तो हम इस पर स्वयं कार्रवाई भी करते हैं'.
इस पर सरकार की तरफ से कहा गया कि ऐसे मामलों में शिकायत निवारण का तंत्र है और शिकायत सामने आने पर मंत्रालय स्वयं कार्रवाई भी करता है.
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने उच्च सदन में सवाल उठाया और कहा कि 'मुझे नहीं लगता कि सरकार 2019 के पहले गाइडलाइंस तय कर पाएंगे, लेकिन अगर आपने कठोर और कठिन गाइडलाइंस तय कर दी, तो टीवी चैनल्स के फेक न्यूज का जो राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है, वह अपने आप रूक जाएगा'. सिंह ने यह भी पूछा कि 'ऐसी फेक न्यूज बनाने वाले टीवी चैनल्स पर आप क्या कार्रवाई करेंगे?'
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इसके जवाब में केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि 'जिस तरह विज्ञापनों को लेकर एक सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी है, उसी तरह खबरों के लिए भी स्वयं निवारण निकाय न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन है. इसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज करते हैं और इसके सदस्य भी हैं'.
राठौड़ ने कहा कि 'इस बाबत एक एक प्रणाली/तंत्र पहले से ही मौजूद है और हमने इसे प्रचारित भी किया है. हमने सभी प्रमुख अखबारों में इस बाबत विज्ञापन भी प्रकाशित किया है. साथ ही हमने इसमें एफएम चैनल भी शामिल किए हैं, ताकि अगर किसी को एफएम चैनल्स के कंटेंट से कोई दिक्कत है तो वह इसकी भी शिकायत कर सकता है'.
उन्होंने बताया कि 'समाचार चैनलों के संबंध में कई शिकायतें आईं हैं. अगर किसी भी व्यक्ति को समाचार प्रसारण को लेकर कोई समस्या है, तो वह एनबीएसए को लिख सकता है और इस पर कार्रवाई करेंगे. अगर कोई शिकायत मंत्रालय को की जाती है, तो हम इस पर स्वयं कार्रवाई भी करते हैं'.
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