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This Article is From Aug 11, 2016

EXCLUSIVE: आखिर क्यों दुर्घटनाग्रस्त हुआ दुबई में अमीरात का विमान, पायलट ने बताया कारण

EXCLUSIVE: आखिर क्यों दुर्घटनाग्रस्त हुआ दुबई में अमीरात का विमान, पायलट ने बताया कारण
विमान की क्रैश लैंडिंग...
नई दिल्ली: भारत के तिरुवनंतपुरम से उड़कर अमीरात का विमान पिछले हफ्ते जब दुबई में क्रैश लैंडिंग का शिकार हुआ, तब हवा के रुख में अचानक आए बदलाव को इस दुर्घटना का मुख्य कारण बताया गया.

एनडीटीवी के हाथ विशेषतौर पर हादसे के दिन बोइंग 777 विमान के पायलट द्वारा दी गई 'इवेंट समरी' लगी है. इसमें हादसे के ठीक पहले की स्थिति को दर्ज किया गया है. हादसे के समय विमान सीधे पेट के बल जमीन पर गिरा था और उसमें लगा एक रोल्स रॉयस का इंजन भी विंग से बाहर आ गया था.

विमान में उस समय करीब 300 यात्री और क्रू के सदस्य थे. इनमें अधिकतर केरल राज्य से थे. सभी को प्लेन में आग लगने के ठीक पहले सुरक्षित उतार लिया गया था. विमान के पायलटों ने जमीन पर जाने के निर्णय के बारे में लिखते हुए गो-अराउंड का ज़िक्र किया है जो कि एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसमें लैंडिंग के लिए दूसरा प्रयास किया जाता है.

'इस पूरे सलाह-मशविरे के बीच नीचे से हवा के दबाव में हवाई जहाज जैसे तैरने लगा और टचडाउन जोन के अंत तक यह चलता रहा. हमने गो-अराउंड जाने का निर्णय लिया.' दूसरे शब्दों में कहा जाए तो तेज हवाओं के चलते पायलट रनवे पर निर्धारित स्थान पर लैंड करने में असमर्थ रहे. क्योंकि अब रनवे ज्यादा नहीं रह गया था, इसलिए पायलटों ने लैंडिंग नहीं, गो-अराउंड करने का निर्णय लिया.
 

यहीं पर सबकुछ भयानक रूप से गलत हो गया. शीयर वह स्थिति है जब अचानक और अनिर्धारित हवाओं की दिशा के कारण खतरनाक हालात बन जाते हैं. अक्सर देखा गया है कि आधुनिक एयरक्राफ्ट में लगे उपकरण तक इस प्रकार की हवा को पकड़ नहीं पाते हैं.

पायलटों ने लिखा, आरंभ में ऐसा लगा गो-अराउंड का निर्णय ठीक है लेकिन फिर, अचानक विंड शीयर की वजह से स्पीड तेजी से गिरने लगी. तब विंड शीयर की प्रक्रिया को पूरा किया गया, फिर भी रनवे पर हवाई जहाज ने क्रैश लैंडिंग की और फिसलता हुआ रनवे के अंत तक पहुंच गया। इस बीच हवाई जहाज के चारों ओर धुआं हो गया था.

तो इसके क्या मायने हुए - ऐसा लग रहा था कि एयरक्राफ्ट ने ऊंचाई हासिल कर ली है इसलिए अंडर कैरिज को उठाया गया था. लेकिन फिर विंड शीयर की वजह से एयरक्राफ्ट उस ऊंचाई तक नहीं पहुंच पाया जहां तक उसे पहुंचना था. (यह पूरी प्रक्रिया आठ सेकंड की होती है) इस आपातकाल स्थिति से निपटने के लिए पायलट काम कर रहे थे, लेकिन बोईंग 777 की एयरस्पीड लगातार घटती चली गई और एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया और पूरी तरह रुकने से पहले ही रनवे से फिसल गया.
 
 
एक वरिष्ठ बोइंग 777 कमांडर ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि विंड शीयर के वक्त जरूरी है कि पायलट लैंडिंग को रोकने के लिए दोनों इंजिन का पूरा पॉवर लगा दे और जेट की नोज़ को तब तक ऊंचा रखे जब तक कॉकपिट के अंदर चेतावनी का अलार्म न बजने लगे. इसके बाद ही प्लेन इस हवा के बहाव से खुद को छुड़ा पाएगा.

लेकिन इसके बजाय अमिरात 777 के दोनों इंजिन लैंडिंग के वक्त सबसे कम पॉवर पर सेट किए हुए थे. एयरक्राफ्ट के भारी रोल्य रोएस के इंजिन को अधिकतम ज़ोर तक पहुंचने के लिए पूरे 8 सेकंड लगते हैं, ताकि वह विंड शीयर के चंगुल से खुद को बचा सके. लेकिन जब तक इंजिन यह कर पाता तब तक बहुत देर हो चुकी थी - एयरक्राफ्ट क्रैश हो चुका था.
 

पायलटों का अपने अंडर कैरिज को उठाने का फैसला गलत हो सकता था क्योंकि यह प्रक्रिया, एयरक्राफ्ट के रफ्तार और ऊंचाई का बनाए रखने की प्रक्रिया को बहुत धीमा कर देती है. जब पूछा गया कि पायलटों ने क्या जानकारी दर्ज की है तो अमीरात ने कहा कि 'फिलहाल जांच चल रही है और अमीरात इस मामले में अधिकारियों का पूरा सहयोग कर रहा है. इसके आगे हम टिप्पणी नहीं कर सकते.'

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