पुराने आतंकी हमलों की ठीक से जांच होती तो पठानकोट पर हमला नहीं होता : एनएन वोहरा

पुराने आतंकी हमलों की ठीक से जांच होती तो पठानकोट पर हमला नहीं होता : एनएन वोहरा

एनएन वोहरा

नई दिल्ली:

पठानकोट हमले के बाद पहली बार सीधे-सीधे जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा ने माना है कि हमारी सरहदें महफ़ूज़ नहीं हैं। ये भी कहा जा रहा है कि पुराने आतंकी हमलों की ठीक से जांच होती तो पठानकोट पर हमला नहीं होता।

यानी क्या पठानकोट एयरबेस पर हुआ हमला रोका जा सकता था? जम्मू-कश्मीर के गवर्नर एनएन वोहरा की मानें तो अगर जम्मू के सांबा, कठुआ और पंजाब के दीनानगर हमले की तफ़तीश सही ढंग से होती तो शायद रोका जा सकता था।

एनएन वोहरा ने NIA के अफ़सरों को सम्बोधित करते हुए कहा, "अगर 2013 के बाद जो हमले जम्मू और पंजाब में हुए उनकी तफ़तीश सही ढंग से होती तो पठानकोठ पर हमला नहीं होता।"

NIA भी अब सभी मामलों की जांच को इकट्ठा कर आगे बढ़ रही है, लेकिन सुरक्षा तंत्र में सबसे ज़्यादा चिंता इस बात को लेकर है - कि हमारी अंतरराष्ट्रीय सरहद महफ़ूज़ नहीं है। BSF के काम में और मुस्तैदी की ज़रूरत है। पठानकोठ हमले में आतंकवादी ऊज नदी से दाख़िल हुए ऐसा NIA का कहना है।

एनएन वोहरा ने कहा, "हमारे बॉर्डर सुरक्षित नहीं है, BSF को दुबारा से अपनी डेपलॉयमेंट को देखने की ज़रूरत है।"  

वैसे एनआईए की अब तक की जांच में ये पता चला है कि आतंकवादी 1 जनवरी को एयरबेस में दाख़िल हुए। एयरबेस की दीवार के तार छह जगह से कटे मिले। बेस के कई अधिकारियों से पूछताछ चल रही है। उधर, एसपी सलविंदर सिंह का पॉलिग्रैफ़ टेस्ट बुधवार को भी चलेगा।

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दरअसल पठानकोठ का हमला बताता है कि ग़लतियां एक नहीं कई स्तरों पर हुई। BSF से, लोकल पुलिस से, IB से और एयरफ़ोर्स से भी, लेकिन हमले के इतने दिन बाद भी सरकार किसी भी स्तर पर जवाबदेही फ़िक्स नहीं कर पाई है।