इस युद्धाभ्यास में सेना ऊचाई वाले इलाकों में विपरीत हालात का सामना करने के लिए खुद को तैयार करती है
नई दिल्ली:
बीते करीब 7 हफ्तों से डोकलाम में भारत-चीन के बीच तनातनी जारी है. इन सबके बीच अक्टूबर में आमतौर पर होने वाली एडवांस एक्सरसाइज यानी ऑपरेशन अलर्ट भारतीय सेना अगस्त में ही करने जा रही है. इस अभ्यास के जरिए सेना निचले इलाके से ऊपरी इलाकों पर जाती है. ताकि ऊपरी इलाके के मुश्किल हालात और मौसम के मुताबिक वह खुद को ढाल सके. इस अभ्यास के जरिए सेना करीब 15 हजार फुट की ऊंचाई पर जाती है.
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आपको बता दें कि जहां पर भारत और चीन की सेना आमने-सामने खड़ी है वहां की ऊंचाई करीब 10 हजार फीट है. करीब 100 से 150 फीट की दूरी पर दोनों देशों के करीब 350 सैनिक डटे हुए हैं.
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सेना के मुताबिक, फिलहाल न तो चीन की ओर से और न ही भारत से सरहद पर कोई असामान्य हरकत नजर आ रही है. इसके बावजूद सेना अपनी तैयारियों में कोई ढ़ील देना नहीं चाहती है. इसके तहत अगर जरूरत पड़ी तो डोकलाम इलाके में ज्यादा सैनिकों, हथियार और गोला-बारूद आसानी से पहुंचाया जा सकता है. वैसे चीन की ओर से लगातार धमकी मिलने का सिलसिला जारी है.
VIDEO: भारतीय सेना किसी भी चुनौती का सामना कर सकती है : अरुण जेटली चीनी मीडिया की मानें तो भारत और चीन के बीच संघर्ष का कांउट डाउन शुरु हो गया है. इस बारे में सेना कुछ नहीं बोल रही है. लेकिन खबर है कि उस इलाके मे सड़क तक बंद कर दी गई हैं. गांव खाली कराए जा रहे हैं. फैक्ट्रियां तक खाली करा दी गई हैं. सेना के सूत्र बता रहे हैं कि ये विवाद तीसरे देश में हैऔर बहुत ही संवेदनशील मामला है. इसलिए सेना बड़ी सावधानी से कदम रख रही है. सूत्रों के मुताबिक, चीन यह चाह रहा है कि हम कुछ गलती करें या फिर भड़काने वाले बयान दें. सरहद पर तनातनी को देखते हुए ये अभी तय नहीं है कि 15 अगस्त को चीन से लगी सरहद पर होने वाली बीपीएम यानी बॉर्डर पर्सनल मीटिंग होगी या नहीं.
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आपको बता दें कि जहां पर भारत और चीन की सेना आमने-सामने खड़ी है वहां की ऊंचाई करीब 10 हजार फीट है. करीब 100 से 150 फीट की दूरी पर दोनों देशों के करीब 350 सैनिक डटे हुए हैं.
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सेना के मुताबिक, फिलहाल न तो चीन की ओर से और न ही भारत से सरहद पर कोई असामान्य हरकत नजर आ रही है. इसके बावजूद सेना अपनी तैयारियों में कोई ढ़ील देना नहीं चाहती है. इसके तहत अगर जरूरत पड़ी तो डोकलाम इलाके में ज्यादा सैनिकों, हथियार और गोला-बारूद आसानी से पहुंचाया जा सकता है. वैसे चीन की ओर से लगातार धमकी मिलने का सिलसिला जारी है.
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