भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार गोरखपुर के डाॅ. कफील खान (Dr. Kafeel Khan) को रासुका (NSA) के तहत हिरासत में लेने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) को 15 दिनों में कफील की मां की याचिका का निस्तारण करने को कहा है. कफील की मां नुज़हत ने याचिका दाखिल कर कफील की रिहाई की मांग की है. कफील की मां नुज़हत परवीन ने सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉरपस याचिका दाखिल कर उन्हें अदालत में पेश कर रिहा करने के आदेश मांग की थी. उनका आरोप है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने गैरकानूनी और दुर्भावनापूर्ण तरीके से डॉ कफील पर रासुका लगाया है.
इसके पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 7 अगस्त को डॉक्टर कफील खान की रिहाई की मांग वाली एक याचिका पर केंद्र और राज्य सरकार से बुधवार को जवाब दाखिल करने को कहा था. न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की पीठ ने डॉक्टर कफील खान की मां नुज़हत परवीन द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया. अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 19 अगस्त तय की है.
10 फरवरी को अलीगढ़ सीजेएम कोर्ट ने जमानत के आदेश दिए थे लेकिन उनकी रिहाई से पहले एनएसए लगा दिया गया और वो जेल से रिहा नहीं हो पाए. बीते 29 जनवरी को डाॅ. कफील को यूपी एसटीएफ ने भड़काऊ भाषण के आरोप में मुंबई से गिरफ्तार किया था. उन पर अलीगढ़ में भड़काऊ भाषण और धार्मिक भावनाएं को भड़काने के आरोप हैं. 13 दिसंबर को अलीगढ़ में एफआईआर लिखी गई थी.
डॉ. कफील पर धर्म, नस्ल, भाषा के आधार पर नफरत फैलाने के मामले में धारा 153-ए के तहत केस दर्ज किया गया है. प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे ने कहा कि 'अदालत के समक्ष उपस्थिति में वर्चुअल सुनवाई शामिल है. हमने महाभारत काल के बाद से वर्चुअल सुनवाई की अनुमति दी है. यह 'संजय उवाच' था अगर शारीरिक तौर पर उपस्थिति नहीं है तो कोई समस्या नहीं है.'
Video: क्या UAPA-NSA प्रो. आनंद, डॉ. कफील को जेल में रखने के लिए लगाया गया है?
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