देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने ट्वीट कर बताया है कि किस तरह सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की COVISHIELD को मिली आपातकालीन हालात में वैक्सीन इस्तेमाल की मंजूरी, भारत बायोटेक की COVAXIN से अलग है. आपको बता दें कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड' और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके ‘कोवैक्सीन' के देश में सीमित आपात इस्तेमाल को रविवार को मंजूरी दे दी. जिससे व्यापक टीकाकरण अभियान का रास्ता साफ हो गया है. डीसीजीआई ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात कही.
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया वी.जी. सोमानी ने कहा कि दोनों कंपनियों ने ट्रायल रन के आंकड़े जमा कर दिए हैं और दोनों को "सीमित उपयोग" के लिए मंजूरी दी जाती है.
डॉ हर्षवर्धन ने ट्वीट कर बताया कि COVAXIN को 'क्लीनिकल ट्रायल मोड' में आपातकालीन हालात में इस्तेमाल की मंजूरी मिली है जिसके तहत जिसको भी COVAXIN लगाई जाएगी उसको ट्रैक और मॉनिटर बिल्कुल उसी तरह किया जाएगा जैसे ट्रायल में प्रतिभागियों को टीका लगाकर किया जाता है.
For those spreading rumours let it be known that EUA for COVAXIN is differently conditional – in clinical trial mode
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) January 3, 2021
EUA for COVAXIN is different from COVISHIELD because its use will be in clinical trial mode.
All COVAXIN recipients to be tracked,monitored as if they're in trial pic.twitter.com/1N8LGnhC3w
NDTV इंडिया ने सुबह ही यह रिपोर्ट किया था जिसमें यह बताया गया था कि क्लीनिकल ट्रायल मोड में COVAXIN को मंजूरी मिली है जिसका मतलब यह भी है कि जिस व्यक्ति को पहले कोरोना संक्रमण हो चुका है उसको ये वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी क्योंकि ट्रायल में उनको ही वैक्सीन दी जाती है जिनको पहले संक्रमण नहीं हुआ.
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