
बेंगलुरु:
बेंगलुरु महानगर पालिका की 198 सीटों के लिए 22 अगस्त को चुनाव होने तय हैं। इन चुनावों में जहां बीजेपी-कांग्रेस और जेडीएस एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा रही हैं, वहीं तक़रीबन डेढ़ दर्जन लोकसत्ता पार्टी के उम्मीदवार लोगों की जुबां पर हैं।
ये लोग अपनी लाखों की प्रैक्टिस और तनख्वाह छोड़कर व्यवस्था में बदलाव के मक़सद से चुनाव लड़ रहे हैं, वो भी महानगर पालिका का। इनमें डॉक्टर, डेंटिस्ट, शिक्षाविद और प्रबंधक शामिल हैं।
जो 7 आईटी प्रोफेशनल्स इन चुनावों में किस्मत आज़मा रहे हैं, उनमें से एक हैं पी. शिल्पा जो बंशनकारी के वार्ड संख्या 166 से लोकसत्ता पार्टी की उम्मीदवार हैं। उनके कैंपेन ट्रेल में जो भी उनके साथ खड़े हैं वो सब बदलाव के लिए साथ दे रहे हैं। दूसरी राजनीतिक पार्टियों की तरह पैसे ख़र्च कर भीड़ नहीं जुटाई गई है।
शिल्पा को अपनी जीत का पक्का भरोसा है क्योंकि उनका मानना है कि वो लोगों के बीच काफी काम कर चुकी हैं और स्थानीय लोगों का भरोसा उनके साथ है।
वार्ड नंबर 144 में एस. नोरुल्ला प्रचार करते नज़र आ रहे हैं, जो आईटीईएस में काम करते हैं, लेकिन नौकरी छोड़ वो भी बुलंद इरादों के साथ अपने मोहल्ले के विकास के लिए निकल पड़े हैं।
नोरुल्ला ने बताया की नौजवानों की हालत लगातार बिगड़ रही है, क्योंकि रोज़गार नहीं होने से वो रास्ता भटक रहे हैं ऐसे में वो चाहते हैं कि अपने वार्ड के लिए कुछ करें।
वहीं दूसरी तरफ़ कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस के लिए भी ये चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न है और साथ ही मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के लिए भी। उनका विरोधी खेमा इस इंतज़ार में बैठा है कि मौक़ा मिलते ही उन पर हमला बोला जाए।
ऊधर अपनी वापसी के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही बीजेपी अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराना चाहती है। पिछले चुनावों के वक़्त यहां बीजेपी का शासन था और चुनावों में पार्टी ने सबसे ज़्यादा सीटें जीत कर BBMP पर कब्ज़ा किया था।
ये लोग अपनी लाखों की प्रैक्टिस और तनख्वाह छोड़कर व्यवस्था में बदलाव के मक़सद से चुनाव लड़ रहे हैं, वो भी महानगर पालिका का। इनमें डॉक्टर, डेंटिस्ट, शिक्षाविद और प्रबंधक शामिल हैं।
जो 7 आईटी प्रोफेशनल्स इन चुनावों में किस्मत आज़मा रहे हैं, उनमें से एक हैं पी. शिल्पा जो बंशनकारी के वार्ड संख्या 166 से लोकसत्ता पार्टी की उम्मीदवार हैं। उनके कैंपेन ट्रेल में जो भी उनके साथ खड़े हैं वो सब बदलाव के लिए साथ दे रहे हैं। दूसरी राजनीतिक पार्टियों की तरह पैसे ख़र्च कर भीड़ नहीं जुटाई गई है।
शिल्पा को अपनी जीत का पक्का भरोसा है क्योंकि उनका मानना है कि वो लोगों के बीच काफी काम कर चुकी हैं और स्थानीय लोगों का भरोसा उनके साथ है।
वार्ड नंबर 144 में एस. नोरुल्ला प्रचार करते नज़र आ रहे हैं, जो आईटीईएस में काम करते हैं, लेकिन नौकरी छोड़ वो भी बुलंद इरादों के साथ अपने मोहल्ले के विकास के लिए निकल पड़े हैं।
नोरुल्ला ने बताया की नौजवानों की हालत लगातार बिगड़ रही है, क्योंकि रोज़गार नहीं होने से वो रास्ता भटक रहे हैं ऐसे में वो चाहते हैं कि अपने वार्ड के लिए कुछ करें।
वहीं दूसरी तरफ़ कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस के लिए भी ये चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न है और साथ ही मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के लिए भी। उनका विरोधी खेमा इस इंतज़ार में बैठा है कि मौक़ा मिलते ही उन पर हमला बोला जाए।
ऊधर अपनी वापसी के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही बीजेपी अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराना चाहती है। पिछले चुनावों के वक़्त यहां बीजेपी का शासन था और चुनावों में पार्टी ने सबसे ज़्यादा सीटें जीत कर BBMP पर कब्ज़ा किया था।