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This Article is From Apr 10, 2018

रक्षा मंत्री के हस्तक्षेप के बाद 2009 से गायब जवान की पेंशन स्वीकृत

रिंकू राम अरुणाचल प्रदेश में चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त करते समय नदी के तेज बहाव में डूब गए थे

रक्षा मंत्री के हस्तक्षेप के बाद 2009 से गायब जवान की पेंशन स्वीकृत
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के हस्तक्षेप से मृत जवान के परिवार को पेंशन मिलने लगी है.
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
जवान रिंकू राम का शव नहीं मिल पाया
सशस्त्र सेना न्यायाधिकरण से नहीं मिल सकी पेंशन
4 अप्रैल, 2018 को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले नौ साल से गायब जवान रिंकू राम की पेंशन को अपनी स्वीकृति दे दी है.

आपको बता दे कि रिंकू राम अरुणाचल प्रदेश में चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त करते समय नदी के तेज बहाव में डूब गए थे और उसके बाद उनका शव नहीं मिल पाया था.गौरतलब है कि शहीद सैनिक की मां कमला देवी अपने बेटे की पेंशन प्राप्त करने के लिए सशस्त्र सेना न्यायाधिकरण के पास भी गईं, लेकिन वहां उन्हें बताया गया कि शव मिलने के बाद ही पेंशन जारी की जाएगी.

आखिरकार भारतीय साक्ष्य कानून के प्रावधानों के अंतर्गत सात साल से अधिक समय तक लापता किसी व्यक्ति को मृत माना जाता है. राइफलमैन रिंकू राम के मामले में अरुणाचल प्रदेश सरकार ने 4 अप्रैल, 2018 को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया.

मृत्यु प्रमाण पत्र मिलने पर रक्षा लेखा प्रधान नियंत्रक (पेंशन), इलाहाबाद ने 5 अप्रैल, 2018 को श्रीमती कमला देवी के पक्ष में पेंशन भुगतान आदेश जारी किया. पीपीओ के अनुसार 19 नवम्बर, 2009 से 31 दिसम्बर, 2015 तक प्रति माह 7000 रुपये और उसके बाद 17,990 रुपये प्रति माह की दर से विशेष फैमिली पेंशन स्वीकार की गई. इसके अलावा 86,106 रुपये (ईसीएचएस के 15,000 रुपये घटाकर) मृत्यु और सेवा निवृत्ति ग्रेच्युटी, 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि मंजूर की गई.

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