
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को यह फोटो ट्वीट करने के बाद निंदा का सामना करना पड़ा.
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आंध्र प्रदेश की एम्बुलेंसों की ट्वीट की गई तस्वीर को बताया यूपी की
ट्विटर के यूजर्स ने गलती पकड़ी और दिग्विजय को कहा "धाराप्रवाह झूठा"
पिछले महीने दिग्विजय ने अपरिपक्वता से प्रधानमंत्री मोदी पर हमला किया था
अखिलेश यादव की सरकार के कार्यकाल के दौरान 102, 108 एम्बुलेंस शुरू की गई थीं जिनका उपयोग बीमारों को लाने-ले जाने में हो रहा है. ट्वीटर पर रजत यादव के मूल ट्वीट को दिग्विजय सिंह ने शायद कॉपी किया था. ट्विटर यूजर्स ने गलती पकड़ने में जरा भी देरी नहीं की और बताया कि एम्बुलेंस पर लिखे शब्द तेलुगु भाषा में हैं. दिग्विजय को इस बात के लिए जमकर ट्रोल किया गया कि उन्होंने बिना किसी सत्यापन के फोटो साझा किया और योगी को निशाना बनाया.
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एक यूजर ने ट्वीट किया 'उत्तर प्रदेश में तेलुगू बोली जाती है दिग्गी.' एक अन्य यूजर ने दिग्विजय को लगातार झूठ बोलने वाला कहा.
ये उत्तर प्रदेश की हालत क्या कर दी योगी जी ने, अखिलेश यादव जी द्वारा चलवाई गई 108,102 एम्बूलेंस खड़ी जंग खा रही है और जनता अपने बीमार परिजनों को ठेलो पर अस्पताल ले जा रही है॥
— digvijaya singh (@digvijaya_28) October 3, 2018
#वाह_योगी_जी_वाह#
#बेशरमी_की_भी_हद_होती_है#
रजत यादव pic.twitter.com/zWJr8CugHY
दिग्विजय सिंह को ट्विटर पर गलत फोटो साझा करने पर पहले भी ट्रोल किया गया था. पिछले महीने दिग्विजय सिंह द्वारा एक ऐसे मिम्स को ट्वीट करने की निंदा की गई थी जिसमें उन्होंने अपरिपरक्वता के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया था. इस पोस्ट को लेकर निंदा होने पर सिंह ने सफाई दी थी कि, "मैंने स्पष्ट रूप से यह कहा है कि (मिम) मेरा नहीं है, मैंने इसे अस्वीकार कर दिया है." उन्होंने ट्विटर पर सवाल उठाते हुए कहा था कि "जब मोदी जी के फॉलोअर्स ने सोनिया जी, राजीवजी, इंदिरा जी, नेहरू जी, गांधी जी के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया, तो वे चुप क्यों रहे?"
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इससे पहले जून में दिग्विजय ने पाकिस्तान के मेट्रो पिलर की पुरानी फोटो को ट्वीट किया था. उन्होंने दावा किया था कि यह भोपाल का एक रेलवे पुल होगा. बाद में उन्होंने इसके लिए माफी मांगी थी. तथ्यों को जांचने वाली वेबसाइट AltNews ने दिग्विजय के दावे को खारिज कर दिया था और उनकी गलती बता दी थी. सिंह ने इस पर वेबसाइट पर जवाब दिया, "माफ़ी चाहता हूं. मेरे एक दोस्त ने मुझे यह भेजी. मेरी गलती है कि मैंने जांच नहीं की."
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