कोर्ट ने दी शशि थरूर को विदेश जाने की अनुमति
नई दिल्ली:
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर को विदेश जाने की अनुमति मिल गई है. दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में आरोपी शशि थरूर को विदेश जाने की अनुमति दे दी. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने थरूर को दिसंबर तक जिन देशों की यात्रा करने की अनुमति दी है उनमें अमेरिका, कनाडा और जर्मनी सहित कुल पांच देश शामिल हैं. अदालत ने थरूर के समक्ष कुछ शर्तें भी रखी है. साथ ही यह भी कहा कि कोई भी ऐसा रिकॉर्ड मौजूद नहीं है जो यह कहता हो कि कांग्रेस नेता न्याय से भाग सकते हैं. मजिस्ट्रेट ने कहा कि उन्होंने जांच में सहयोग किया है. उन्हें जारी किये गए समन पर अमल करते हुए वह पहली तारीख पर अदालत में पेश हुए. कोई ऐसा रिकॉर्ड मौजूद नहीं है जिससे यह समझा जाए कि वह न्याय से भाग सकते हैं.
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अदालत ने कांग्रेस नेता को दो लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया, जो उनके वापसी पर उन्हें लौटा दिया जाएगा. अदालत ने उन्हें साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं करने और गवाहों को प्रभावित नहीं करने का भी निर्देश दिया. थरूर की याचिका का विरोध करते हुए पुलिस ने कहा कि वह नेता को प्राप्त निमंत्रणों की सत्यता की जांच करना चाहती है और उन्हें हर यात्रा की अनुमति के लिए अलग से अनुमति मांगनी चाहिए. कांग्रेस नेता की ओर से अधिवक्ता गौरव गुप्ता ने कहा कि उनके मुवक्किल निमंत्रणों की मुद्रित प्रति की सत्यता को साबित करने वाले प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि हर बार अलग-अलग आवेदन देने से अदालत के साथ-साथ अभियोजन एजेंसी का अधिक समय खर्च होगा और सुनवाई की गति भी प्रभावित होगी. गौरतलब है कि सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी, 2014 की रात को एक बड़े होटल में मृत पायी गई थीं.अदालत ने दिल्ली पुलिस को गवाहों के बयान सहित आरोपपत्र के साथ दाखिल किये गए दस्तावेजों की प्रति भी थरूर को देने का निर्देश दिया.
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ध्यान हो कि कुछ समय पहले ही दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में शशि थरूर को आरोपी बनाया था. दिल्ली पुलिस ने सुनंदा पुष्कर हत्या मामले में 4 साल बाद पटियाला हाउस कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था. दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 306 यानि आत्महत्या के लिए उकसाना और 498A वैवाहिक जीवन मे प्रताड़ना के तहत आरोप-पत्र दाखिल किया. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पहले हत्या का केस भी दर्ज किया था. पुलिस ने शशि थरूर को आरोपी माना है. दिल्ली पुलिस ने 3000 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया है.
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गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत की जांच SIT से कराने की बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि ये जनहित याचिका नहीं राजनीति हित की याचिका का उदाहरण है.
VIDEO: शशि थरूर को मिली नियमित जमानत.
मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी से पूछा गया था कि आपके सूत्र क्या हैं, जहां से आपके पास इतनी जानकारी आई है और जांच पर आप सवाल खड़ा कर रहे हैं? दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि अगर आपको सबूतों की जानकारी थी तो आपने पहले सबूतों को पेश क्यों नहीं किया? आपने अपनी याचिका ऑनलाइन डाल दी है.(इनपुट भाषा से)
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अदालत ने कांग्रेस नेता को दो लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया, जो उनके वापसी पर उन्हें लौटा दिया जाएगा. अदालत ने उन्हें साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं करने और गवाहों को प्रभावित नहीं करने का भी निर्देश दिया. थरूर की याचिका का विरोध करते हुए पुलिस ने कहा कि वह नेता को प्राप्त निमंत्रणों की सत्यता की जांच करना चाहती है और उन्हें हर यात्रा की अनुमति के लिए अलग से अनुमति मांगनी चाहिए. कांग्रेस नेता की ओर से अधिवक्ता गौरव गुप्ता ने कहा कि उनके मुवक्किल निमंत्रणों की मुद्रित प्रति की सत्यता को साबित करने वाले प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि हर बार अलग-अलग आवेदन देने से अदालत के साथ-साथ अभियोजन एजेंसी का अधिक समय खर्च होगा और सुनवाई की गति भी प्रभावित होगी. गौरतलब है कि सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी, 2014 की रात को एक बड़े होटल में मृत पायी गई थीं.अदालत ने दिल्ली पुलिस को गवाहों के बयान सहित आरोपपत्र के साथ दाखिल किये गए दस्तावेजों की प्रति भी थरूर को देने का निर्देश दिया.
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ध्यान हो कि कुछ समय पहले ही दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में शशि थरूर को आरोपी बनाया था. दिल्ली पुलिस ने सुनंदा पुष्कर हत्या मामले में 4 साल बाद पटियाला हाउस कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था. दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 306 यानि आत्महत्या के लिए उकसाना और 498A वैवाहिक जीवन मे प्रताड़ना के तहत आरोप-पत्र दाखिल किया. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पहले हत्या का केस भी दर्ज किया था. पुलिस ने शशि थरूर को आरोपी माना है. दिल्ली पुलिस ने 3000 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया है.
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गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत की जांच SIT से कराने की बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि ये जनहित याचिका नहीं राजनीति हित की याचिका का उदाहरण है.
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मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी से पूछा गया था कि आपके सूत्र क्या हैं, जहां से आपके पास इतनी जानकारी आई है और जांच पर आप सवाल खड़ा कर रहे हैं? दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि अगर आपको सबूतों की जानकारी थी तो आपने पहले सबूतों को पेश क्यों नहीं किया? आपने अपनी याचिका ऑनलाइन डाल दी है.(इनपुट भाषा से)
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