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This Article is From Oct 05, 2020

अरविंद केजरीवाल ने शुरू किया 'युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध' कैंपेन, लॉन्च होगा Green Delhi App

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हर साल ठंड का मौसम शुरू होने से पहले ही बढ़ जाने वाले वायु प्रदूषण और धुंध की समस्या को लेकर दिल्ली सरकार के नए कैंपेन 'युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध' कैंपेन की घोषणा की है.

अरविंद केजरीवाल ने शुरू किया 'युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध' कैंपेन, लॉन्च होगा Green Delhi App
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कोरोना काल में वायु प्रदूषण से लड़ने की बनाई रणनीति. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने सोमवार को हर साल ठंड का मौसम शुरू होने से पहले ही दिल्ली में बढ़ जाने वाले वायु प्रदूषण और धुंध की समस्या (Delhi Air Pollution and Smog) को लेकर एक डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने इस दौरान दिल्ली सरकार के नए कैंपेन 'युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध' कैंपेन की घोषणा की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि 'इस साल प्रदूषण हमारे लिए जानलेवा हो सकता है क्योंकि कोरोना फैला हुआ है. हमने बहुत काम किया लेकिन हमें संतुष्ट नहीं होना है. इस कोरोना के साल में हमको अपने बच्चों के लिए प्रदूषण कम करना होगा. आज से हम प्रदूषण के खिलाफ युद्ध छेड़ रहे हैं. 'युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध' नाम से कैंपेन शुरू कर रहे हैं.'

उन्होंने कहा, 'पिछले 5 सालों में दिल्ली में सबने मिलकर प्रदूषण बढ़ने नहीं दिया. हमारे यहां ट्रैफिक भी बढ़ा और इंडस्ट्रियल एक्टिविटी, इकोनामिक एक्टिविटी भी बढ़ी लेकिन दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के बजाय कम हुआ है. दिल्ली में 2014 से 2019 तक प्रदूषण में 25% की कमी आई है.' केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी पहले ही लॉन्च कर दी है जो 'देश ही नहीं दुनिया की सबसे बढ़िया पॉलिसी' है.

अपने कैंपेन को लेकर उन्होंने कहा कि उन्होंने आज ही सभी विभागों के साथ मीटिंग की है और सभी विभाग इस युद्ध में शामिल होंगे. इसमें तीनों नगर निगम, PWD, ट्रांसपोर्ट विभाग वगैरह सब शामिल हैं.

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क्या कदम उठा रही है दिल्ली सरकार?

पराली जलाने से उठे धुएं की समस्या पर केजरीवाल ने कहा, 'हर साल पराली के समस्या से हम लोग जूझते हैं. इस साल पूसा इंस्टीट्यूट ने पराली का एक बहुत सस्ता और सरल उपाय ढूंढा है. उन्होंने एक घोल बनाया है, पराली के ऊपर उसको छिड़कने से उसका डंठल गल जाता है और वह खाद बन जाती है. दिल्ली में हम लोग खुद छिड़काव करवाएंगे और अगर इस साल यह सफल होता है तो आसपास के राज्यों से आने वाले समय में कहेंगे. कल घोल बनना शुरू होगा और मैं देखने जाऊंगा.' 

उन्होंने कहा, 'आसपास के राज्यों से मेरी हाथ जोड़कर अपील है कि अगर हवा खराब होती है तो हवा यह नहीं देखती कि यह हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की हवा खराब है. हवा तो बहती रहती है. प्रदूषण इधर से उधर होता रहता है. किसान खुद पराली जलाकर परेशान हैं. आसपास के राज्य कोशिश करें कि पराली जलाने का सिलसिला बंद हो, इसका रास्ता निकालें जैसे हमने निकाला.'

वहीं उड़ती धूल से निपटने की कोशिश पर उन्होंने बताया कि 'मिट्टी के उड़ने से प्रदूषण होता है तो उसको रोकने के लिए एंटी डस्ट कैंपेन शुरू कर रहे हैं. कहीं पर भी डस्ट उड़ती देखेंगे तो उनका चालान किया जाएगा. मैकेनिकल स्वीपिंग कराई जाएगी. सड़कों में गड्ढे ठीक कराए जाएंगे. एन्टी स्मॉग गन बड़े स्तर पर जगह-जगह लगाई जा रही हैं.'

उन्होंने बताया कि 13 पॉइंट (हॉटस्पॉट) ऐसे हैं पूरी दिल्ली में जहां पर प्रदूषण ज्यादा है. उनकी पहचान की गई है. इनके लिए अलग-अलग कार्यक्रम बनाए गए हैं, ये देखते हुए कि वहां ज्यादा प्रदूषण क्यों है.

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लॉन्च होगा Green Delhi App

दिल्ली सरकार इसके लिए एक ग्रीन दिल्ली नाम से एक ऐप भी बना रही है. अरविंद केजरीवाल ने कहा 'जहां पर भी आपको कोई प्रदूषण फैलाता हुआ नजर आए तो आप उसकी फोटो खींचकर उस ऐप पर डाल दीजिए और एक तय सीमा में उस पर कार्रवाई की जाएगी. रोजाना की शिकायतों की मेरे पास रिपोर्ट आएगी कि कितनों पर कार्रवाई हुई और कितनों पर नहीं हुई. इस पूरे काम के लिए एक वॉर रूम भी हम बना रहे हैं.'

उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार पौधारोपण के लिए नई नीति बना रही है. अभी तक नीति थी कि एक पेड़ काटने के बदले में 10 पौधे लगाए जाएंगे लेकिन अगले एक हफ्ते से 10 दिन के अंदर नई पॉलिसी लाई जाएगी, जिसके तहत अगर कोई एजेंसी पेड़ काटती है तो उसको 80 फ़ीसदी पेड़ दूसरी जगह लगाने पड़ेंगे जिससे कि पेड़ कम नहीं होंगे.

केजरीवाल ने बिजली प्लांट और इंटों के भट्टों पर सवाल उठाते हुए कहा कि 'दिल्ली से 300 किलोमीटर के दायरे में बिजली बनाने के 11 प्लांट चल रहे हैं, इससे प्रदूषण हो रहा है क्योंकि कोयले से बिजली बन रही है. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि दिसंबर 2019 तक इन प्लांट से प्रदूषण बंद होना चाहिए. दिल्ली के आस पास पहुंचे ईटों के भट्टे चल रहे हैं उन पर भी लगाम लगाने की जरूरत है.'

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