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This Article is From Feb 12, 2015

दिल्ली विधानसभा अधिक शिक्षित, अधिक युवा और अधिक साफ छवि वाली

दिल्ली विधानसभा अधिक शिक्षित, अधिक युवा और अधिक साफ छवि वाली
दिल्ली विधानसभा का दृश्य (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

दिल्ली की नई विधानसभा में काफी अमीर हैं, लेकिन आपराधिक रिकॉर्ड वाले विधायकों के मामले में ये काफी साफ सुथरी है।

 दिल्ली की नई विधानसभा में
- 34 प्रतिशत विधायकों पर आपराधिक मामले हैं
- जबकि 2013 में हुए चुनाव में 36 फीसदी
- और उससे पहले 2008 के विधानसभा चुनावों में 43 फीसदी विधायकों पर क्रिमिनल केस थे। लेकिन इससे भी बड़ी बात यह है  कि जिन विधायकों पर क्रिमिनल केस हैं, वह छोटे मोटे अपराधों के ही हैं किसी पर कोई संगीन जुर्म का आरोप नहीं हैं।

दिलचस्प बात यह भी है कि जिन भी उम्मीदवारों पर संगीन जुर्म के मामले हैं वो सब चुनाव हार गए। इन हारे हुए उम्मीदवारों में एक उम्मीदवार आम आदमी पार्टी का भी है। विधानसभा चुनावों में कुल 60 उम्मीदवार थे जिनके खिलाफ हत्या, हत्या की कोशिश और महिलाओं के खिलाफ जुर्म के केस थे। ये सभी चुनाव हार गए।

हालांकि दिल्ली चुनाव काफी छोटा और अपेक्षाकृत शहरी इलाके का चुनाव है और इन चुनावों से ये नतीजा निकाला नहीं जा सकता कि लोग अब अपराधी रिकॉर्ड या छवि वाले उम्मीदवारों को हरा रहे हैं।

दिल्ली विधानसभा चुनावों की समीक्षा करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) के मे. जन. (रिटा.) अनिल वर्मा कहते हैं कि ‘सिर्फ दिल्ली के चुनावों के आधार पर यह कहना ठीक नहीं होगा कि साफ छवि के लोगों का चुनाव जीतना आसान हो रहा है। लेकिन ये एक अच्छा परिणाम देखने को मिला है जिससे उम्मीद बंध रही है।’

नई विधानसभा में ज्यादा पढ़े लिखे लोग हैं और औसत उम्र के हिसाब से ये अधिक जवान है। 70 में से केवल 24 एमएलए 12वीं पास या उससे कम हैं जबकि पिछली बार ये संख्या 33 थी। विधानसभा में 70 में 41 एमएलए 25 से 45 साल के बीच उम्र के हैं।

पैसे के मामले में आम आदमी पार्टी का प्रोफाइल बदला है और उसके विधायक अमीर हुए हैं। विधानसभा में प्रचंड बहुमत भी इसकी एक वजह है क्योंकि तकरीबन सारे एमएलए उन्हीं के हैं। आप के 21 एमएलए दोबारा चुने गए हैं, जिनकी औसत संपति 2013 में 1.51 करोड़ थी। एडीआर के विश्लेषण के मुताबिक इस विधानसभा में इन 21 विधायकों की औसत संपत्ति बढ़कर 1.58 करोड़ हो गई है। यानी औसतन 7 लाख का इज़ाफा।

सबसे अमीर 10 उम्मीदवारों में से 9 आम आदमी पार्टी के हैं। सबसे अमीर हैं आर के पुरम से जीती प्रमिला टोकस जिनकी संपत्ति 87 करोड़ से अधिक है। विश्वास नगर से जीते बीजेपी के ओम प्रकाश शर्मा भी विधानसभा के सबसे अमीर दस उम्मीदवारों में से एक हैं। उनकी कुल संपत्ति 19 करोड़ है।

इस विधानसभा में कुल 44 करोड़पति हैं जबकि पिछली विधानसभा में 51 विधायक करोड़पति थे। ‘पढ़े लिखे, युवा और साफ छवि वाले प्रतिनिधि अगर अमीर भी हैं तो हमें आपत्ति नहीं होनी चाहिए बशर्ते उन्होंने सही तरीके से पैसा कमाया है और टैक्स दिया है।’ एमडीआर के जनरल वर्मा कहते हैं।

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