
दलाई लामा (फाइल फोटो)
कोलकाता:
तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने गुरुवार को कहा कि भारत के लोग चीनियों की तुलना में आलसी हैं, लेकिन यह देश सबसे ज्यादा स्थिर है और विविध परंपराओं का एक जीवंत उदाहरण है. इंडियन चैंबर ऑफ कामर्स द्वारा आयोजित एक संवाद कार्यक्रम में उन्होंने भारत और चीन के लोगों के बीच एक हल्की फुल्की तुलना की.
दलाई लामा ने कहा कि चीनियों की तुलना में मुझे लगता है कि भारत के लोग आलसी हैं. आगे उन्होंने कहा कि यह जलवायु के चलते हो सकता है. लेकिन भारत सबसे ज्यादा स्थिर देश है. विश्व पटल पर भारत कोई भी भूमिका निभा सकता है. उन्होंने धार्मिक सहिष्णुता की भावना और विभिन्न परंपराओं को साथ लेकर चलने को लेकर भारत की सराहना की.
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दलाई लामा ने कहा कि धार्मिक सहिष्णुता बहुत महत्वपूर्ण है. हालांकि कभी-कभी नेताओं के चलते समस्याएं आती हैं जो उसे प्रभावित करना चाहते हैं. उन्होंने भारत के धार्मिक बहुलवाद का जिक्र किया और कहा कि पिछली कई सदियों में जैन, हिंदू, बौद्ध, सिख, जरथ्रुष्ट, ईसाई और इस्लाम धर्म सह-अस्तित्व बनाए हुए हैं.
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उन्होंने कहा कि भारत में एक साथ मिलकर रहने की परंपरा है. यह अलग-अलग परंपराओं के साथ चलने का एक जीवंत उदाहरण है. मैं गर्व से तिब्बती संस्कृति के बारे में भी यह कह सकता हूं. दलाई ने डोकलाम गतिरोध का भी जिक्र किया और कहा कि 'ये छोटी समस्याएं हैं. चीनी सेना आई थी. तब वहां संघर्ष विराम था. फिर हट गई. यह आसान नहीं था'. उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि 'चीनी अधिकारी बनावटी मुस्कुराहट दिखाने में माहिर हैं.'
VIDEO: इंटरनेशनल एजेंडा : अरुणाचल में दलाई लामा, आग-बबूला हुआ चीन
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दलाई लामा ने कहा कि चीनियों की तुलना में मुझे लगता है कि भारत के लोग आलसी हैं. आगे उन्होंने कहा कि यह जलवायु के चलते हो सकता है. लेकिन भारत सबसे ज्यादा स्थिर देश है. विश्व पटल पर भारत कोई भी भूमिका निभा सकता है. उन्होंने धार्मिक सहिष्णुता की भावना और विभिन्न परंपराओं को साथ लेकर चलने को लेकर भारत की सराहना की.
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दलाई लामा ने कहा कि धार्मिक सहिष्णुता बहुत महत्वपूर्ण है. हालांकि कभी-कभी नेताओं के चलते समस्याएं आती हैं जो उसे प्रभावित करना चाहते हैं. उन्होंने भारत के धार्मिक बहुलवाद का जिक्र किया और कहा कि पिछली कई सदियों में जैन, हिंदू, बौद्ध, सिख, जरथ्रुष्ट, ईसाई और इस्लाम धर्म सह-अस्तित्व बनाए हुए हैं.
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उन्होंने कहा कि भारत में एक साथ मिलकर रहने की परंपरा है. यह अलग-अलग परंपराओं के साथ चलने का एक जीवंत उदाहरण है. मैं गर्व से तिब्बती संस्कृति के बारे में भी यह कह सकता हूं. दलाई ने डोकलाम गतिरोध का भी जिक्र किया और कहा कि 'ये छोटी समस्याएं हैं. चीनी सेना आई थी. तब वहां संघर्ष विराम था. फिर हट गई. यह आसान नहीं था'. उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि 'चीनी अधिकारी बनावटी मुस्कुराहट दिखाने में माहिर हैं.'
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