ओडिशा और आंध्र प्रदेश पर ‘बहुत तीव्र’ चक्रवाती तूफान का खतरा मंडरा रहा है जो 220 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं के साथ शनिवार शाम तक पूर्वी तटों पर दस्तक दे सकता है। इसके कारण लाखों लोगों को इलाकों को छोड़ना पड़ रहा है वहीं 1999 में आए विनाशकारी तूफान की यादें भी ताजा हो गई हैं।
ओडिशा और आंध्र प्रदेश पर चक्रवाती तूफान का संकट मंडराने के बीच इसकी तीव्रता पर बहस छिड़ गई है। सशस्त्र बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और एनडीएमए के अनुमान के मुताबिक करीब 1.2 करोड़ लोग तूफान से प्रभावित हो सकते हैं। 1999 के चक्रवाती तूफान ने करीब 10,000 लोगों की जान ले ली थी।
कुछ विशेषज्ञ फैलिन की तुलना हरीकेन कैटरीना से भी कर रहे हैं जिसने 2005 में अमेरिका के कुछ हिस्सों में तबाही मचाई थी और करीब 1,800 लोग मारे गए थे। फैलिन आंध्र प्रदेश के कलिंगपत्तनम और ओडिशा के पारादीप के बीच के क्षेत्र को पार करने के बाद शाम करीब 6 बजे ओडिशा के गंजाम जिले के गोपालपुर के पास दस्तक दे सकता है।
तूफान का सर्वाधिक संकट पांच जिलों पर मंडरा रहा है। भारतीय मौसम-विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. एलएस राठौर ने ओडिशा के गंजाम, खुर्दा, पुरी और जगतसिंहपुर जिलों तथा आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में सबसे ज्यादा नुकसान की आशंका जताई है। उन्होंने आगाह किया कि तूफान के साथ संवेदनशील जिलों के तटीय क्षेत्रों में तीन मीटर तक ऊंची लहरें भी उठेंगी।
मौसम-विज्ञान विभाग के जारी ताजा बुलेटिन के अनुसार तूफान फिलहाल गोपालपुर से 400 किलोमीटर दूर दक्षिण-पूर्व में है।
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