Pulwama Attack:ड्यूटी पर दो दिन पहले ही लौटे थे हिमाचल प्रदेश के तिलक राज, आतंकी हमले में शहीद

31 साल के तिलक राज अप्रैल 2007 में अर्धसैनिक बल में शामिल हुए थे. वह अपने पीछे पत्नी सावित्री देवी और 22 वर्षीय बेटे को छोड़ गए हैं.

Pulwama Attack:ड्यूटी पर दो दिन पहले ही लौटे थे हिमाचल प्रदेश के तिलक राज, आतंकी हमले में शहीद

तिलक अपने पीछे पत्नी सावित्री देवी और 22 साल के बेटे को छोड़ गए हैं.

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले में शहीद होने वालों में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के कांस्टेबल तिलक राज भी शामिल हैं. राज्य सरकार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने कहा कि गुरुवार को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले में 41 जवान शहीद हुए हैं जबकि 38 अन्य घायल हुए हैं. 31 साल के तिलक राज अप्रैल 2007 में अर्धसैनिक बल में शामिल हुए थे. वह अपने पीछे पत्नी सावित्री देवी और 22 वर्षीय बेटे को छोड़ गए हैं. छुट्टी के बाद दो दिन पहले वह ड्यूटी पर लौटे थे. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कायरतापूर्ण हमले की निंदा की और परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए अपने कैबिनेट मंत्री किशन कपूर और विधायक अर्जुन सिंह को शहीद के घर भेजा है. 

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बीजेपी के विधायक दल ने शिमला में गुरुवार रात एक रात्रिभोज का आयोजन किया था, जिसे हमले की खबर के बाद रद्द कर दिया गया. शहीदों के सम्मान में दो मिनट का मौन रखा गया. इस घटना को बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और आतंकवादियों द्वारा कायराना कृत्य करार देते हुए ठाकुर ने कहा कि घटना में शामिल लोगों बख्शा नहीं जाएगा. बता दें कि जम्मू और कश्मीर के पुलवामा के अवन्तीपुरा के गोरीपुरा इलाके में सीआरपीएफ के काफिले पर बड़ा आतंकी हमला हुआ. हमले में CRPF के 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए हैं. सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले में करीब 350 किलो IED का इस्तेमाल बताया जा रहा है. 

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आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली और इसे आत्मघाती बताया. इस घटना से पूरे देश में रोष का माहौल है. इस नापाक हरकत के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पूरे देश में मांग की जा रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक उरी के बाद यह देश पर सबसे बड़ा हमला है. सेना के एक अधिकारी ने बताया कि सीआरपीएफ जवानों को निशाना बनाकर किए गए आईईडी विस्फोट की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है. बता दें कि यह हमला श्रीनगर से सिर्फ 20 किलोमीटर की दूरी पर हुआ है. पीएम मोदी ने भी इस घटना पर दुख जताते हुए कहा है कि जवानों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा. (इनपुट एजेंसी भाषा के साथ)

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