कोरोना वायरस के ट्रैकिंग ऐप 'आरोग्य सेतु' (Aarogya Setu) में सुरक्षा मानकों (Security breach)का कोई उल्लंघन नहीं हो रहा है. सरकार (Government)ने एक फ्रांसीसी "व्हाइट हैट", या एथिकल हैकर के दावे के जवाब में यह बात कही. जिन्होंने मंगलवार को कहा था कि 90 मिलियन भारतीयों की गोपनीयता दांव पर है. इस दावे के बाद केंद्र सरकार सामने आई और बुधवार सुबह एक विस्तृत बयान में कहा कि "कोई डेटा या सुरक्षा उल्लंघन नहीं था" और कहा कि "किसी भी उपयोगकर्ता की कोई भी व्यक्तिगत जानकारी इस एप के कारण खतरे में साबित नहीं हुई है." इस हैकर ने किसी ज्ञात प्वाइंट के साथ अज्ञात प्वाइंट के साथ बने त्रिकोण (Triangles) का जिक्र करते हुए सरकार से कुछ सवाल पूछे थे. सरकार की प्रतिक्रिया से स्पष्ट रूप से नाखुश इस हैकर ने कुछ घंटे पहले अपने ट्वीट में कहा, "मूल रूप से, आपने कहा था" यहां देखने के लिए कुछ भी नहीं. हम आपको बताएंगे. मैं कल आपके पास वापस आऊंगा."
Basically, you said "nothing to see here"
— Elliot Alderson (@fs0c131y) May 5, 2020
We will see.
I will come back to you tomorrow. https://t.co/QWm0XVgi3B
इलियट एल्डरसन के नाम का यह हैकर इससे पहले भी आधार ऐप की खामियों को उजागर कर चुका है. उसने "सुरक्षा मुद्दे" की चेतावनी वाले कई ट्वीट किए थे.एल्डरसन ने यह भी लिखा: "PS राहुल गांधी सही थे." अपने ट्वीट के साथ उन्होंने राहुल को भी को टैग किया था. एल्डरसन के पहले ट्वीट में कहा गया है- "HI आरोग्य सेतु, आपके ऐप में सुरक्षा से जुड़ा एक मुद्दा पाया गया है. 90 मिलियन भारतीयों की गोपनीयता दांव पर है क्या आप मुझसे निजी रूप से संपर्क कर सकते हैं? सादर. PS: राहुल गांधी सही थे.,"
Hi @SetuAarogya,
— Elliot Alderson (@fs0c131y) May 5, 2020
A security issue has been found in your app. The privacy of 90 million Indians is at stake. Can you contact me in private?
Regards,
PS: @RahulGandhi was right
इसके करीब एक घंटे बाद हैकर ने स्वीकार किया कि भारत सरकार ने उससे संपर्क साधा है. इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम और नेशनल इन्फोर्मेटिक्स सेंटर ने उनसे संपर्क किया था. हैकर ने उस समय चेतावनी भरे लहजे में सरकार से कहा था कि जब तक सुरक्षा मानकों की खामियों को ठीक नहीं किया जाता, वह इन्हें सार्वजनिक करना जारी रखेंगे. उन्होंने लिखा, "90 मिलियन भारतीय (जोखिम में) के मेडिकल डेटा को डालना कोई विकल्प नहीं है. मेरे पास ज्यादा धैर्य नहीं है, इसलिए उचित समय पर इसका खुलासा करूंगा. गौरतलब है कि राहुल गांधी ने शनिवार को ट्वीट किया था कि आरोग्य सेतु ऐप एक अत्याधुनिक निगरानी प्रणाली है, जिसे निजी ऑपरेटर को आउटसोर्स किया गया है और कोई संस्थागत निगरानी नहीं है, इससे डेटा सुरक्षा और निजता को लेकर गंभीर चिंताएं खड़ी हो रही हैं.
आरोग्य सेतु ऐप को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने जवाबी वार किया था. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस नेता हर दिन ‘‘एक नया झूठ'' बोलते हैं. भाजपा ने कहा कि जिन लोगों ने जीवनभर केवल निगरानी रखने का काम किया, वे नहीं समझ सकते कि टेक्नोलॉजी का भलाई के कामों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
गौरतलब है कि आरोग्य सेतु (संस्कृत में "स्वास्थ्य सेतु) लोकेशन, मेडिकल और ट्रेवल हिस्ट्री के आधार पर COVID-19 से संक्रमित होने वालों की संभावनाओं का मूल्यांकन करता है. यह यूजर के कांटेक्ट्स (संपर्क) का पता लगाने के लिए ब्लूटूथ और लोकेशन सर्विसेज का उपयोग करता है. सरकार अब तक, यूजर्स को कोरोना वायरस के प्रकोप से बचाने के लिए 'आरोग्य एप' डाउनलोड करने पर जोर दे रही है. इसके तहत हाल ही में, सरकारी कर्मचारियों को आदेश दिया गया था कि वे ऐप डाउनलोड करें और काम पर आने से पहले इसकी जांच करें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने भाषणों में नागरिकों से इस ऐप को डाउनलोड करने का आग्रह किया है. देश में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 50 हजार के करीब पहुंच गए हैं और 1600 से ज्यादा लोगों को इसके कारण जान गंवानी पड़ी है.
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