विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक कोरोना वायरस से युवा बेअसर हैं ऐसा सोचना गलत है.
नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम गेब्रेयसस के मुताबिक 'कोविड 19 से युवाओं को खतरा नहीं है' यह सोचना गलत है. कोरोनो वायरस से युवाओं को भी उतना ही नुकसान पहुंच सकता है और ये उनके लिए भी बहुत खतरनाक साबित हो सकता है. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक के मुताबिक कोरोना के चलते युवाओं को भी हफ्तों तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ सकता है यहां तक कि ये जानलेवा भी साबित हो सकता है. टेड्रोस ने कहा, 'अगर आप बीमार नहीं पड़ते हैं, तो आपके द्वारा चुने जाने वाले विकल्प किसी और के लिए जीवन और मृत्यु के बीच अंतर हो सकते हैं.'
साथ ही उन्होंने ट्वीट किया 'मैं युवाओं का आभारी हूं कि वे कोरोना वायरस से लड़ने में योगदान दे रहे हैं न कि वायरस को फैलाने में. एकजुटता कोविड 19 को हराने के लिए महत्वपूर्ण है - देशों के बीच एकजुटता होने के साथ, सभी आयु समूहों के बीच भी एकजुटता होनी चाहिए.'
कोरोना वायरस संक्रमण के 63 नये मामले सामने आने के बाद शुक्रवार की शाम को भारत में इस संक्रमण के कुल मामले आईसीएमआर के अनुसार बढ़कर 236 हो गये जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का आंकड़ा 223 है. इस बीच दिल्ली और महाराष्ट्र सरकारों ने इस बीमारी की रोकथाम के लिए सार्वजनिक स्थानों को बंद करने की घोषणा की.
WHO के क्षेत्रीय निदेशक ने कहा, "भारत में और ज्यादा टेस्ट होने चाहिए"