गुजरात के अहमदाबाद से 1208 प्रवासियों को लेकर ट्रेन बिहार के मुजफ्फरपुर एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन पहुंच गई है. इन यात्रियों का यहां पर मेडिकल परीक्षण किया गया और इसके बाद प्रशासन इनके घर के पास बने क्वारंटाइन सेंटर में रखेगा. इन सभी प्रवासियों को 21 दिन क्वरंटाइन सेंटर में रहना होगा. बिहार सरकार इनके आने-जाने का खर्चा खुद उठा रही है इसके साथ ही 21 दिन बाद इनको 500 रुपये की अतिरिक्त मदद की जाएगी. बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने रविवार को ही इसका ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि क्वरंटाइन सेंटर में खाने-पीने से लेकर शौचालय, स्नानगृह तक सारी व्यवस्था की गई है.
प्रवासियों के मुद्दे पर अधिकारियों के साथ बैठक में नीतीश कुमार ने कहा था कि बड़ी संख्या में बाहर से लोग आने वाले हैं इसलिए सभी लोग कमर कसकर तैयार हो जाइए. दूसरी इसी मुद्दे पर रविवार का दिन राजनीतिक बहस का केंद्र भी बन गया था. दरअसल केंद्र सरकार की ओर से कहा जा रहा था कि प्रवासियों के किराए का 85 फीसदी भार रेलवे खुद वहन कर रहा है और बाकी 15 फीसदी राज्यों को देना है. लेकिन कुछ राज्यों ने रेलवे से टिकट लेकर प्रवासियों से वसूली करना शुरू कर दिया. इस पर विपक्ष का कहना था कि एक ओर तो ऐसे लोगों के पास पहले से ही पैसे नहीं है और इनसे टिकट के पैसे लिए जा रहे हैं. इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ऐलान कर दिया कि पार्टी प्रवासियों के टिकट का भार खुद वहन करेगी.
सोनिया के इस ऐलान के बाद केंद्र सरकार और राज्य सरकारें हरकत में आ गईं. केंद्र की ओर से फिर सफाई दी गई कि राज्यों को 15 फीसदी किराया देना चाहिए. मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान पहले ही इसका ऐलान कर चुके हैं. इसके बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने भी ऐलान कर दिया.
Coronavirus lockdown: कांग्रेस ने केंद्र पर लगाया मजदूरों की अनदेखी करने का आरोप
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं