कोरोना वायरस: 71 जेल, एक लाख कैदी और एक बड़ी चुनौती...

यूपी में 71 जेल हैं जिनमें एक लाख से ज्यादा कैदी हैं. तमाम ऐसी जेलें यूपी में हैं जिनमें उनकी क्षमता से कैदियों की तादाद बहुत ज्यादा है. तमाम कैदी बिना पढ़े लिखे हैं जिन्हें कोरोना से बचाना एक बड़ी चुनौती है.

लखनऊ :

यूपी की 71 जेलों में बंद एक लाख से ज्यादा कैदियों को कोरोना वायरस से बचाने की जेल प्रशासन ने मुहिम शुरू की है. जिसमें उन्हें बचाने की तो कोशिश की ही जा रही है उनसे 30,000 मास्क भी सिलवाए जा रहे हैं. यह मास्क कैदियों के भी काम आएंगे और आम जनता को भी सप्लाई किए जाएंगे ताकि बाजार में मास्क की कमी कुछ दूर की जा सके. लखनऊ की मॉडल जेल में कैदी अब एक नए रोल में हैं जिन्हें भी सिलाई आती है उन्हें मास्क बनाने की ड्यूटी दी दे दी गई है. यूपी की 15 जिलों में मास्क बनाने का काम बड़े पैमाने पर चल रहा है. यह मास्क प्रदेश की 71 जेलों में बंद एक लाख से ज्यादा कैदियों के लिए इस्तेमाल होगा. साथ ही बाहर भी सप्लाई किया जाएगा.

यूपी जेल के एडीजी आनंद कुमार ने कहा कि जो हमारा सिलाई यूनिट जेल में है वह मास्क बना रहा है और यह मास्क ना केवल कैदियों को दिया जा रहा है बल्कि हम लोगों ने यह भी घोषणा की है कि अगर कोई बाहर का व्यक्ति या कोई समूह या कोई सरकारी संस्था लेना चाहे तो हम ऑर्डर पर उनको मास्क बना कर देंगे.

यूपी की 15 जेलें 30,000 मास्क रोज तैयार कर रही हैं. जिन्हें दूसरी जेलों में भी सप्लाई किया जा रहा है. लखनऊ की  मॉडल जेल के सुपरिटेंडेंट आरएन पांडे ने कहा कि हमारे पास 29 मशीनें हैं. सभी मशीनों पर मास्क का निर्माण किया जा रहा है. हमारे यहां जो मास्क का निर्माण हो रहा है वह डबल लेयर है इसके अलावा सभी बंदी दिन में भी काम करते हैं और रात में भी काम करते हैं. हमारी क्षमता 2,000 मास्क प्रतिदिन तैयार करने की है.

यूपी में 71 जेल हैं जिनमें एक लाख से ज्यादा कैदी हैं. तमाम ऐसी जेलें यूपी में हैं जिनमें उनकी क्षमता से कैदियों की तादाद बहुत ज्यादा है. तमाम कैदी बिना पढ़े लिखे हैं जिन्हें कोरोना से बचाना एक बड़ी चुनौती है.

डीजी जेल यूपी आनंद कुमार ने कहा कि एक स्पेशल टास्क फोर्स जेल में गठन किया गया है. जिसके अध्यक्ष वहां के सुपरिटेंडेंट है और उसके सदस्य वहां के जेलर हैं, वहां के चिकित्सक हैं और पैरामेडिकल स्टाफ है. यह स्पेशल टास्क फोर्स डेली बेसिस पर मॉनिटरिंग कर रही है.

अब सारी जेलों में गेट पर ही थर्मल स्कैनर से लोगों को टेंपरेचर चेक किया जा रहा है. जेलों के गेट पर ही लोगों को सैनिटाइज करने का इंतजाम किया गया है. जेल के अंदर भी बैरक्स में साबुन और सैनिटाइजर दिया जा रहा है.पढ़े-लिखे कैदियों से अनपढ़ कैदियों को सफाई की जानकारी दिलवाई जा रही है.

सीनियर सुपरीटेंडेंट लखनऊ जेल पीएन पांडे ने कहा कि करीब 1000 बंदियों को प्रिकॉशनरी पहले से दे रखा है कि यदि उन्हें खासी, जुकाम आदि हो तो इसका इस्तेमाल करें. हमारे  4 डॉक्टर्स और फार्मेसिस्ट हैं लगातार हालात को मॉनिटर कर रहे हैं. जो भी लगता है कि संदिग्ध है उन्हें हम अलग कर रहे हैं.

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