यह ख़बर 05 जनवरी, 2014 को प्रकाशित हुई थी

वीरभद्र के भ्रष्टाचार के मामले में बेशर्मी पर उतर आई कांग्रेस : जेटली

नई दिल्ली:

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी की चुप्पी पर निशाना साधते हुए भाजपा ने रविवार को राज्य सरकार से इन आरोपों में सीबीआई जांच की मंजूरी देने की चुनौती दी।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने आज अपने ब्लॉग में आलेख में आरोप लगाया, 'कांग्रेस पार्टी और वीरभद्र सिंह ने भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना बेशर्मी से करने का फैसला कर लिया है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी चुप्पी साध लेंगे।'

जेटली ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने या भ्रष्टाचार के आरोप साबित करने की चुनौती दी है। 29 दिसंबर को सीबीआई निदेशक को इस संबंध में उनका पत्र प्राथमिकी रूप में ही है।

उन्होंने कहा, 'इसकी जांच करने के लिए दिल्ली विशेष पुलिस (स्थापना) अधिनियम की धारा 6 के तहत राज्य सरकार की मंजूरी जरूरी है।' जेटली ने कहा, 'मैं हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकार को चुनौती देता हूं कि अपनी मंजूरी दे ताकि इन आरोपों में जांच हो सके।'

कांग्रेस नेतृत्व पर जेटली का बयान ऐसे समय में आये हैं जब इस तरह के संकेत मिल रहे हैं कि कांग्रेस ने वीरभद्र सिंह का समर्थन करते हुए इस मुद्दे पर मुकाबले का फैसला कर लिया है और आरोपों को विपक्ष की साजिश का हिस्सा करार दिया है।

भाजपा नेता ने कहा कि उनकी समझ के अनुसार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के खिलाफ पहले ही दो आरोपों की जांच सीबीआई कर रही है।

जेटली ने कहा कि सिंह के खिलाफ किसी बिजली कंपनी से जुड़ा यह तीसरा आरोप है जिसकी जांच किए जाने की जरूरत है।

जेटली ने आरोप लगाया कि सिंह, उनके परिजन और उनकी कंपनी को एक बिजली कंपनी के प्रमोटर की ओर से ब्याज रहित कर्ज मिला था। इस कंपनी का हिमाचल सरकार से लेन-देन था। आरोप हैं कि राज्य सरकार ने कंपनी का पक्ष लेते हुए आदेश जारी किए।

भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि प्रथमदृष्टया तथ्य साबित करते हैं कि कर्ज में लिए गए धन का इस्तेमाल कर्जदाता के समूह की अन्य कंपनियों में शेयर खरीदने में किया गया।

जेटली के मुताबिक भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धारा 11 में प्रावधान है कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी किसी पार्टी से अपने लिए या किसी अन्य के लिए कोई बेशकीमती वस्तु स्वीकार करता है या प्राप्त करता है जो किसी व्यावसायिक लेन-देन से जुड़ी हो सकती है तो दंड का प्रावधान है।

उन्होंने लिखा है कि इस अपराध में पांच साल तक की कैद का प्रावधान है। यह लेन-देन भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धारा 13 (1) (बी) के प्रावधानों का भी उल्लंघन करता है।

जेटली का कहना है कि सिंह के खिलाफ पहला आरोप 'वीबीएस' नाम से है जो एक इस्पात निर्माता कंपनी की डायरी में मिला था और जिसकी जांच सीबीआई कर रही है।

उन्होंने कहा कि दूसरा आरोप शिमला की एक बैंक के खाते में 5.5 करोड़ रुपये जमा होने और उसका हस्तांतरण आनंद चौहान नामक व्यक्ति द्वारा वीबी सिंह और उनके परिजनों की एलआईसी पॉलिसियों के लाभ के लिए किए जाने से जुड़ा है।

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जेटली ने कहा, 'मेरी समझ है कि इसकी जांच भी सीबीआई कर रही है।' भाजपा ने इस मामले को जोरदार तरीके से उठाया है और भाजयुमो अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने इस विषय को लेकर पिछले हफ्ते राहुल गांधी के घर के बाहर प्रदर्शन का नेतृत्व किया था।