लोकसभा में शर्मनाक हार के बाद कांग्रेस में बगावत के सुर तेज होने लगे है। असम, महाराष्ट्र और जम्मू−कश्मीर में इस्तीफों का सिलसिला जारी है। असम में मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के खिलाफ बगावत करते हुए 32 विधायकों ने अपना इस्तीफा दे दिया है। विधायकों के नेता हेमंत बिस्वा शर्मा ने इन विधायकों के साथ राज्यपाल से मुलाकात कर अपने त्यागपत्र सौंपे। हेमंत बिस्वा का दावा है कि उन्हें 38 विधायकों का समर्थन हासिल है।
उधर, हरियाणा में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से नाराज राज्यसभा सांसद चौधरी बीरेंद्र सिंह ने एक बार फिर कहा कि पार्टी नेतृत्व ने उनकी बात नहीं मानी तो वह कांग्रेस से चुनाव नहीं लड़ेंगे।
जम्मू−कश्मीर के उधमपुर से पूर्व सांसद चौधरी लाल सिंह ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उनका कहना है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने डोडा−उधमपुर से वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को टिकट देते हुए उन्हें एमएलसी और राज्य सरकार में मंत्री बनाने का वादा किया था, लेकिन वादा पूरा नहीं किया गया इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ दी। वहीं कांग्रेस का कहना है कि वह काफी पहले पार्टी छोड़ने का मन बना चुके थे।
वहीं महाराष्ट्र के कद्दावर नेता और राज्य के उद्योग मंत्री नारायण राणे ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है हालांकि मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया है। राणे ने भी मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि मौजूदा नेतृत्व की अगुवाई में चुनाव लड़े तो लोकसभा में मिली हार जैसा हाल होगा। माना जा रहा है कि 2005 में शिवसेना छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए नारायण राणे विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का हाथ छोड़ सकते है।
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