
विश्वजीत राणे (फाइल फोटो )
नई दिल्ली:
गोवा विधानसभा में पिछले साल विश्वास मत के दौरान गैर-हाजिर रहने वाले विधायक विश्वजीत राणे को अयोग्य करार देने की मांग को लेकर कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राणे, चुनाव आयोग और गोवा विधानसभा के अध्यक्ष से जवाब मांगा है. इससे पहले गोवा हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था. गौरतलब है कि बीते साल 16 मार्च को शक्ति परीक्षण के दौरान 45 साल के राणे की गैर-मौजूदगी कांग्रेस के लिए बड़ी शर्मिंदगी का सबब बन गई थी क्योंकि मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार ने 40 सदस्यीय विधानसभा में 22 विधायकों के समर्थन से अपना बहुमत साबित कर दिया था. इसके बाद राणे बीजेपी में शामिल हो गए थे और चुनाव जीत गए.
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अब इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि राणे को अयोग्य घोषित किया जाए. राणे की ओर से मुकुल रोहतगी ने कहा कि वो पहले ही विधायक के पद से इस्तीफा दे चुके हैं इसलिए अयोग्य करार नहीं दिया जा सकता. वालपोई सीट से विधायक राणे ने 16 मार्च को ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. राणे ने कांग्रेस के प्रबंधकों पर आरोप लगाया था कि राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरने के बावजूद उन्होंने सत्ता पर काबिज होने का मौका गंवा दिया. कांग्रेस को 17 जबकि भाजपा को महज 13 सीटें मिली थीं.
वीडियो : गोवा के मुद्दे पर राज्यसभा में भी हुआ था जमकर हंगामा
उस समय कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को व्हिप जारी कर कहा था कि वे पर्रिकर की ओर से पेश किए गए विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करें लेकिन विश्वजीत राणे ने वोटिंग के समय नहीं आए थे.
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