कांग्रेस ने शुक्रवार को बुलाई विपक्षी दलों की बैठक, हार के कारणों पर होगा मंथन

बैठक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने के ठीक अगले दिन कांग्रेस ने यह बैठक बुलाई गई है. 

कांग्रेस ने शुक्रवार को बुलाई विपक्षी दलों की बैठक, हार के कारणों पर होगा मंथन

संसद का सत्र छह जून से शुरू होने की संभावना है.

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Election 2019) में हार का सामना करने के बाद कांग्रेस (Congress) ने अपनी हार के संभावित कारणों पर चर्चा करने के लिए 31 मई को संसद में विपक्षी पार्टियों की एक बैठक बुलाई है. विपक्षी पार्टियां संसद सत्र के लिए अपनी रणनीति पर भी विचार-विमर्श कर सकती हैं. संसद का सत्र छह जून से शुरू होने की संभावना है. बैठक में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और वीवीपैट मशीनों में कथित विसंगतियों के मुद्दे पर भी चर्चा की जा सकती है. यह बैठक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने के ठीक अगले दिन कांग्रेस ने यह बैठक बुलाई गई है. 

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इसके अलावा लोकसभा में कांग्रेस का नेता चुनने के लिए आगामी एक जून को पार्टी संसदीय दल की बैठक बुलाई गई है.  सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में नेता चुनने के साथ ही किसी सांसद को मुख्य सचेतक की जिम्मेदारी भी सौंपी जा सकती है. पार्टी के एक सूत्र ने बताया कि यह बैठक संसद के केंद्रीय कक्ष में होगी और इसमें आगामी सत्र के लिए रणनीति पर भी चर्चा होगी. दरअसल, कांग्रेस को इस चुनाव में कुल 52 सीटें हासिल हुई हैं जिस वजह से सदन में उसके नेता को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी एक बार फिर नहीं मिलेगी. कांग्रेस के सामने इस बार नेता चुनने के समय एक बड़ी मुश्किल और आएगी कि उसके पास बहुत सारे विकल्प नहीं हैं. पार्टी नेताओं के एक धड़े के बीच यह चर्चा भी है कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को लोकसभा में पार्टी के नेता की जिम्मेदारी दी जा सकती हैं.  

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बता दें राहुल गांधी इस बार के चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन से काफी खफा हैं और वे अपने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के लिए अड़े हैं.  माना जा रहा है कि राहुल गांधी ने यह स्वीकार कर लिया है कि वह लोकसभा में कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व करेंगे. वहीं, सोनिया गांधी एनडीए की अध्यक्ष बनी रहेंगी और परिवार खुद को पार्टी के रोजाना की गतिविधियों से दूर रखेगा. गांधी परिवार के तीनों सदस्य -सोनिया, राहुल और प्रियंका- पार्टी की रोजाना की गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे. एक अंतरिम कार्यकारी अध्यक्ष और दो या इससे ज्यादा उपाध्यक्ष एक अध्यक्ष-मंडल का निर्माण करेंगे, जो पार्टी का संचालन करेगा और चुनाव व प्रचार की योजना बनाएगा. के.सी. वेणुगोपाल अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर, जबकि पृथ्वीराज चौहान उपाध्यक्षों में से एक के तौर पर उभर सकते हैं. (इनपुट-भाषा)

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