नई दिल्ली:
कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बाढ़ व भूस्खलन से प्रभावित उत्तराखंड के दौरे को लेकर सोमवार को एक-दूसरे पर जुबानी हमले किए।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने उत्तराखंड में संसद के दोनों सदनों के प्रतिपक्षी नेताओं की अनुपस्थिति पर सवाल उठाए, तो लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने इसका ठीकरा केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे पर फोड़ा। आरोप-प्रत्यारोप के इस दौर में बाद में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली और कांग्रेस के अजय माकन भी शामिल हो गए।
तिवारी ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा, "विपक्ष के नेता केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की स्वायत्तता पर केंद्र सरकार के प्रस्तावों की आलोचना कर सकते हैं, जिसे अभी सर्वोच्च न्यायालय में पेश किया जाना है, लेकिन उनके पास उत्तराखंड के दौरे का समय नहीं है।" उन्होंने लिखा, "क्या किसी ने संसद के दोनों सदनों के विपक्ष के नेताओं को आपदा प्रभावित उत्तराखंड का दौरा करते और वहां के लोगों के साथ सहानुभूति जताते देखा?"
इससे पहले रविवार को जेटली ने एक लेख में लिखा था कि सीबीआई को स्वायत्त बनाने का मंत्री समूह का निर्णय 'नाटक' है।
वहीं, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि इसे सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं है।
सुषमा ने ट्विटर पर लिखा कि उत्तराखंड सरकार स्थिति से निपटने में विफल रही है। दिल्ली स्थित केंद्र सरकार ने भी पीड़ितों के लिए कुछ नहीं किया।
उत्तराखंड नहीं जा पाने के बारे में उन्होंने लिखा, "हम उत्तराखंड नहीं गए, क्योंकि केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सार्वजनिक तौर पर बयान दिया कि हमारे दौरे से बचाव कार्य प्रभावित होंगे।"
इसपर तिवारी ने फिर लिखा कि यदि ऐसा था तो यह भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह और पार्टी की चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष बनाए गए नरेंद्र मोदी पर लागू क्यों नहीं होता?
सुषमा ने फिर पलटवार किया कि 18 जून को उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री से उत्तराखंड में बाढ़ व भूस्खलन पर बात की, जिसके बाद सरकार जागी।
वहीं, जेटली ने कहा कि उत्तराखंड में भाजपा के कार्यकर्ताओं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) तथा विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के कार्यकर्ताओं ने प्रभावित लोगों की मदद की।
ट्विटर पर हो रही इस बहस में बाद में कांग्रेस मंत्री अजय माकन भी कूद पड़े। उन्होंने भाजपा पर प्राकृतिक आपदा को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस नेता अम्बिका सोनी ने कहा, "प्रधानमंत्री बनने की इच्छा रखने वाले विपक्ष के नेता दुख की इस घड़ी में भी उत्तराखंड सरकार को बर्खास्त करने की बात कह रहे हैं, जो दुखद है।"
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने उत्तराखंड में संसद के दोनों सदनों के प्रतिपक्षी नेताओं की अनुपस्थिति पर सवाल उठाए, तो लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने इसका ठीकरा केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे पर फोड़ा। आरोप-प्रत्यारोप के इस दौर में बाद में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली और कांग्रेस के अजय माकन भी शामिल हो गए।
तिवारी ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा, "विपक्ष के नेता केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की स्वायत्तता पर केंद्र सरकार के प्रस्तावों की आलोचना कर सकते हैं, जिसे अभी सर्वोच्च न्यायालय में पेश किया जाना है, लेकिन उनके पास उत्तराखंड के दौरे का समय नहीं है।" उन्होंने लिखा, "क्या किसी ने संसद के दोनों सदनों के विपक्ष के नेताओं को आपदा प्रभावित उत्तराखंड का दौरा करते और वहां के लोगों के साथ सहानुभूति जताते देखा?"
इससे पहले रविवार को जेटली ने एक लेख में लिखा था कि सीबीआई को स्वायत्त बनाने का मंत्री समूह का निर्णय 'नाटक' है।
वहीं, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि इसे सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं है।
सुषमा ने ट्विटर पर लिखा कि उत्तराखंड सरकार स्थिति से निपटने में विफल रही है। दिल्ली स्थित केंद्र सरकार ने भी पीड़ितों के लिए कुछ नहीं किया।
उत्तराखंड नहीं जा पाने के बारे में उन्होंने लिखा, "हम उत्तराखंड नहीं गए, क्योंकि केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सार्वजनिक तौर पर बयान दिया कि हमारे दौरे से बचाव कार्य प्रभावित होंगे।"
इसपर तिवारी ने फिर लिखा कि यदि ऐसा था तो यह भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह और पार्टी की चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष बनाए गए नरेंद्र मोदी पर लागू क्यों नहीं होता?
सुषमा ने फिर पलटवार किया कि 18 जून को उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री से उत्तराखंड में बाढ़ व भूस्खलन पर बात की, जिसके बाद सरकार जागी।
वहीं, जेटली ने कहा कि उत्तराखंड में भाजपा के कार्यकर्ताओं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) तथा विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के कार्यकर्ताओं ने प्रभावित लोगों की मदद की।
ट्विटर पर हो रही इस बहस में बाद में कांग्रेस मंत्री अजय माकन भी कूद पड़े। उन्होंने भाजपा पर प्राकृतिक आपदा को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस नेता अम्बिका सोनी ने कहा, "प्रधानमंत्री बनने की इच्छा रखने वाले विपक्ष के नेता दुख की इस घड़ी में भी उत्तराखंड सरकार को बर्खास्त करने की बात कह रहे हैं, जो दुखद है।"
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं