
सीआरपीएफ के डीजी राजीव भटनागर (फाइल फोटो).
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अलगाववादियों पर हुई कार्रवाई से हिंसा की घटनाओं पर लगाम
पिछले ढाई साल में माओवाद से प्रभावित इलाका कम हुआ
सीआरपीएफ ने 51 माओवादियों को मारा, 1111 को पकड़ा
भटनागर ने यह भी कहा कि जम्मू और कश्मीर में अलगाववादियों पर हुई कार्रवाई से भी हिंसा की घटनाओं पर लगाम लगाने में मदद मिली है. अकेले सीआरपीएफ ने इस साल जम्मू-कश्मीर में 75 आतंकवादियों को मार गिराया है, जबकि 252 को गिरफ्तार किया गया है जिनसे कई हथियार बरामद किए गए हैं. सीआरपीएफ ने ऑपरेशनों के दौरान हिंसक भीड़ पर भी काबू रखने में कामयाबी हासिल की है.
सीआरपीएफ डीजी ने कहा कि पिछले ढाई साल में माओवाद से प्रभावित इलाका कम हुआ है. माओवादियों को झारखंड, बिहार और दूसरे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में झटका लगा है. इस साल सीआरपीएफ ने 51 माओवादियों को मारा है तो 1111 माओवादियों को पकड़ा भी है. सीआरपीएफ के दबाव का नतीजा है कि 834 माओवादियों ने सरेंडर भी किया है.
VIDEO : सुकमा में ऑपरेशन प्रहार
हालांकि दक्षिण बस्तर का इलाका सीआरपीएफ के लिए अभी भी चिंता का कारण बना हुआ है. खासकर अप्रैल महीने में सुकमा में माओवदियों के हमले के बाद 24 जवानों की मौत के बाद नई एसओपी बनाई जा रही है. बस्तर क्षेत्र में सीआरपीएफ अपने जवानों की संख्या बढ़ाने जा रही है. साथ ही अब ज्यादा जोर पुलिस के साथ साझा ऑपरेशन करने पर होगा. जवानों की सुरक्षा को बेहतर बनाया जाएगा. साथ ही हर तरह के संभावित खतरे से कैसे निपटें इसको लेकर और एहतियात बरती जा रही है.
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