अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने गुरुवार को कहा कि भारत 2020 और 2021 के दौरान 1 प्रतिशत से थोड़ा अधिक आगे बढ़ेगा, ग्लोबल एजेंसी ने पाया है कि कोरोनावायरस की वजह से आर्थिक गतिविधियों को व्यापक और गहरा नुकसान पहुंचा है. गीता गोपीनाथ ने एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में बताया, 'अगर आप 2020 के लिए ग्रोथ प्रोजेक्शन को देखते हैं और दो साल में 2021 को जोड़ते हैं, तो भारत में विकास 1 फीसदी से थोड़ा अधिक होगा. यह विकास की एक बहुत मजबूत तस्वीर नहीं है, लेकिन यह दुनियाभर के कई अन्य देशों के समान है, "
IMF ने बुधवार शाम को भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर भविष्यवाणी की कि 2020 में 4.5 प्रतिशत रहेगी. इस साल वैश्विक उत्पादन में 4.9 प्रतिशत की गिरावट आने की उम्मीद है, जो कि अप्रैल में अनुमानित 3 प्रतिशत संकुचन की तुलना में तेज गिरावट है.
गीता गोपीनाथ ने कहा, 'भारत में इस साल हमारे पास एक अविश्वसनीय रूप से गहरी मंदी है. जैसा आप फिर से आर्थिक गतिविधियों को खोल रहे हैं. जैसे ही स्वास्थ्य संकट खत्म हो जाएगा. जैसी ही वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार आता है, भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा.'
चीन, जहां अप्रैल में कारोबार फिर से शुरू हो गया और संक्रमण की संख्या भी कम से कम हो गई हैं, वह 2020 में सकारात्मक वृद्धि दिखाने की उम्मीद करने वाली एकमात्र प्रमुख अर्थव्यवस्था है, जो अब अप्रैल के पूर्वानुमान में 1.2 प्रतिशत की तुलना में 1 प्रतिशत है.गीता ने आगे कहा, “बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच चीन सकारात्मक विकास के साथ आगे बढ़ने वाला देश है. दूसरे को खोजना मुश्किल है. उनकी रिकवरी भी सबसे मजबूत है. यह दर्शाता है कि उन्हें वायरस को रोकने में बहुत तेज सफलता मिली है, जिसमें रोकथाम अवधि होती है "
उन्होंने कहा, “साल की पहली छमाही में सबसे गहरा दबाव था, अब हम एक फिर से खुलने लगे हैं, आर्थिक गतिविधियों का एक हिस्सा देख रहे हैं. लेकिन स्वास्थ्य संकट अभी खत्म नहीं हुआ है और आपको भविष्य को देखना है, जिसमें जबरदस्त अनिश्चितता है. तो रिकवरी जल्दी शुरू हो सकती है, लेकिन हमारी राय में यह अनिश्चितता लंबे समय तक रहेगी.'
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