विज्ञापन
This Article is From Apr 09, 2021

आय से अधिक संपत्ति मामले में CBI ने सिविल सेवा दंपति के ठिकानों पर छापेमारी की

सीबीआई ने यह छापेमारी 5.5 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति कथित तौर पर जमा करने को लेकर उनके खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद की. यह जानकारी अधिकारियों ने दी.

आय से अधिक संपत्ति मामले में CBI ने सिविल सेवा दंपति के ठिकानों पर छापेमारी की
प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली :

केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने शुक्रवार को 1989 बैच के सिविल सेवा दंपति अलका और अमित जैन के परिसरों में शुक्रवार को छापेमारी की. सीबीआई ने यह छापेमारी 5.5 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति कथित तौर पर जमा करने को लेकर उनके खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद की. यह जानकारी अधिकारियों ने दी. अधिकारियों ने बताया कि ये छापेमारी जयपुर, जोधपुर और उदयपुर में की गई. अलका जैन एक आईआरएस अधिकारी हैं और अमित जैन एक आईआरईएस अधिकारी हैं.

Antilia Case: सीबीआई ने सचिन वाजे और महेश शेट्टी के बयान दर्ज किए

इससे पहले पिछल महीने धनशोधन (Money laundering case) जांच के तहत मध्य प्रदेश कैडर के एक पूर्व आईएएस दंपति अरविंद जोशी और टीनू जोशी की लगभग 1.49 करोड़ रुपये की संपत्तियों को कुर्क किया गया था. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने यह जानकारी दी था. एजेंसी ने तब बताया था कि कृषि भूमि, भूखंड और भूमि जैसी कुल 32 संपत्तियों की कुर्की के लिए एक अनंतिम आदेश धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जारी किया गया है. ईडी ने बताया कि ये संपत्तियां एच एम जोशी, निर्मला जोशी, आभा गनी, हर्ष कोहली, साहिल कोहली और इथोस एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित हैं, जो 1979 बैच के पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारियों से जुड़े हुए हैं.

आयकर विभाग ने दावा किया था कि हैदराबाद स्थित दो रियल इस्टेट कारोबारियों के परिसरों में हाल ही में की गयी छापेमारी के बाद 700 करोड़ रुपये की कर चोरी का पता चला है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इसकी जानकारी दी . सीबीडीटी ने बताया कि तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के उप नगर इलाके यदागिरीगुत्ता में और इसके आसपास स्थित, दो रियल इस्टेट कारोबारी समूहों के परिसरों से छापेमारी के दौरान 11.88 करोड़ रुपये नकद एवं 1.93 करोड़ रुपये के आभूषण भी जब्त किये गये.

ममता बनर्जी पर हमले का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, CBI जांच की मांग, आज सुनवाई

बोर्ड ने बयान जारी करते हुए बताया था कि जिन इकाईयों में छापेमारी की गयी उनका भूखंडों के कारोबार के अलावा अपार्टमेंट निर्माण का भी काम है. इसने कहा, ‘छापेमारी अभियान के दौरान आयकर विभाग ने कई दस्तावेज, हाथ से लिखी किताबें और कई एग्रीमेंट (समझौते) समेत बेहिसाब नकदी लेन-देन के संकेत वाले दस्तावेज जब्त किये.' सीबीडीटी ने दावा किया कि छापेमारी के दौरान विशेष सॉफ्टवेयर एप एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से डेटा भी बरामद किये गये हैं. इसने कहा है कि ये समूह पंजीकृत मूल्य से अधिक नकदी स्वीकार करते पाए गए और इस तरह की बेहिसाब नकदी का इस्तेमाल जमीन की खरीद एवं अन्य आकस्मिक व्यापार व्यय के तौर पर भुगतान के लिए किया गया. बोर्ड ने कहा कि छापेमारी के परिणामस्वरूप पिछले छह वर्षों में 700 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी प्राप्तियों से संबंधित साक्ष्य का पता चला है जो कर योग्य राशि है.
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com