
अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन
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नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन पर डॉक्यूमेंट्री
फिल्म 'एन आर्गुमेंटेटिव इंडियन' का निर्देशन सुमन घोष ने की है
फिल्म में 'गाय', 'गुजरात', 'हिंदू' और 'हिंदुत्व' जैसे शब्दों पर आपत्ति
उन्होंने कहा, "वे अमर्त्य सेन द्वारा साक्षात्कार के दौरान इस्तेमाल किए 'हिंदू भारत' और 'हिंदुत्व' शब्दों को भी हटवाना चाहते हैं. अजीब बकवास है यह." सेंसर बोर्ड की प्रतिक्रिया पर घोष ने हैरानी जताई है.
घोष ने कहा, "हमें पता है कि देश में क्या हो रहा है. 'उड़ता पंजाब', 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' जैसी फिल्मों पर विवाद हो रहा है. लेकिन मैंने इस बात की कल्पना भी नहीं की थी कि बिना किसी पटकथा के तैयार वृत्तचित्र के साथ भी वैसा ही बर्ताव किया जाएगा."
उन्होंने कहा, "सबसे बड़ी बात यह है कि जब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त इतनी बड़ी शख्सियत द्वारा कहे गए शब्दों को हटाया जा रहा है, तो इससे यही प्रतीत होता है कि चीजें किस हद तक पहुंच चुकी हैं. इस तरह का सीधे-सीधे गवाह बनने के बाद मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूं, मैं हैरान हूं."
करीब एक घंटे लंबे इस वृत्तचित्र में अमर्त्य सेन को अपने विद्यार्थियों और कोर्नेल विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्री के प्राध्यापक कौशिक बसु के साथ बेतकल्लुफी से बातचीत करते फिल्माया गया है.
इस फिल्म की न्यूयार्क और लंदन में पहले ही स्क्रीनिंग हो चुकी है. कोलकाता में भी सोमवार को फिल्म की खास स्क्रीनिंग की गई. अमर्त्य सेन पर बने इस वृत्तचित्र को इसी शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज किया जाना था.
इनपुट: आईएएनएस
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