विज्ञापन
This Article is From Dec 29, 2019

NH 91 के सिकंदराबाद 4 नंबर चौराहे पर जो टकराया वो बचा नहीं

नेशनल हाईवे पर गाड़ी चलाते समय होशियार रहें, क्योंकि देशभर में ऐसे 510 ब्लैक स्पॉट हैं जो हजारों लोगों के मौत का कारण बन रहे हैं.

NH 91 के सिकंदराबाद 4 नंबर चौराहे पर जो टकराया वो बचा नहीं
प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:

नेशनल हाईवे पर गाड़ी चलाते समय होशियार रहें, क्योंकि देशभर में ऐसे 510 ब्लैक स्पॉट हैं जो हजारों लोगों के मौत का कारण बन रहे हैं. हालांकि NHAI 276 ब्लैट स्पॉट को ठीक कराने का दावा करती है लेकिन दिल्ली कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई ऐसे ब्लैक स्पॉट है जो पास के गांवों की दर्जनों जानें लेने के बावजूद अभी तक ठीक नहीं हुए हैं. बुलंदशहर के ह्दयपुर गांव की रविंद्र देवी, 26 साल के जवान बेटे नितिन की मौत से बदहवास हैं. इसी साल करवा चौथ के दिन सड़क हादसे में नितिन की मौत हो गई थी. तब से पिता अशोक कुमार डिप्रेशन में चले गए और अपना ढ़ाबा नितिन की मौत के बाद ही बंद हो गया है. मृतक नितिन की मां रोते हुए बताती हैं कि करवा चौथ की शाम सारी तैयारियां हो चुकी थी. सिर्फ बेटे का इंतजार हो रहा था. तभी पता चला कि बेटे का एक्सीडेंट हो गया है. 

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर जल्द ही 120/100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से फर्राटा भरेंगी गाड़ियां

इसी गांव की रहने वाली रजेश देवी भी अपना जवान बेटा सड़क हादसे में खो चुकी हैं और अब उनके ऊपर दोहरी जिम्मेदारी आ गई है.  उनके बेटे सचिन की मौत के बाद उसकी पत्नी रेखा और तीन छोटे बच्चों की परवरिश अब उनके सामने बड़ा सवाल बनकर खड़ी है. सचिन की मौत को चार साल बीत चुके हैं लेकिन दुर्घटना के मुआवजे की फूटी कौड़ी आज तक नहीं मिली. मृतक सचिन के परिजनों ने बताया कि चार साल से सिर्फ मुकदमा चल रहा है, कुछ भी नहीं मिला. 

Exclusive: देश में हाईवे बनाने में हुआ करोड़ों का खेल, कई अफसरों पर हुई कार्रवाई

वहीं मृतक सचिन की पत्नी रेखा नागर कहती हैं कि मै अपने बच्चों के लिए नौकरी करना चाहती हूं. मेरे माता-पिता किसान मजदूर हैं. मैं ग्रेजुएट हूं बस नौकरी मांग रही हूं. सचिन और नितिन जैसे दो दर्जन से ज्यादा लोगों की जानें सिकंदराबाद 4 नंबर चौराहे पर जा चुकी हैं. दिल्ली कोलकाता राजमार्ग के दोनों तरफ सिकंदराबाद औद्योगिक इलाका के अलावा दर्जनों गांव हैं लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग पर न तो सर्विस रोड है और न ही पैदल यात्रियों के लिए सड़क पार करने की सुविधा. सिकंदराबाद औद्योगिक इलाके में रहने वाले प्रेमराज भाटी कहते हैं कि दो साल में यहां 40 से ज्यादा लोग मर चुके हैं. लिहाजा इस बेतरतीब ट्रैफिक में एक के बाद एक इंसानी जानें जा रही हैं लेकिन प्रशासन सालों से महज पत्र ही लिख रहा है. हालांकि बुलंदशहर के अपर जिलाधिकारी रवींद्र कुमार का कहना है कि जल्द ही इसको ठीक किया जाएगा. 
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com