सार्वजनिक क्षेत्र के बैंककर्मियों की दो दिन की हड़ताल आज शुरू हो गई। बैंककर्मियों की हड़ताल पर वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि बैंकों के पूरे मुनाफे का इस्तेमाल सिर्फ वेतन बढ़ाने के लिए नहीं किया जा सकता, क्योंकि बैंकों को और प्रतिबद्धताएं भी पूरी करनी होती हैं। बैंककर्मी वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं।
उन्होंने कहा, मैं बैंककर्मियों व अधिकारियों से अपील करता हूं कि वे इस बात को पहचानें की बैंकों के मुनाफे व आमदनी पर दूसरे प्रकार दावे भी हैं। जहां, अधिकारियों व कर्मचारियों के दावों को स्वीकार किया गया है और उचित वेतन समझौता किया गया है। बैंकों के मुनाफे के अन्य दावेदार भी हैं।
इंडियन ओवरसीज बैंक के 78वें स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, यह नहीं हो सकता है कि समूचे मुनाफे का इस्तेमाल लाभांश देने और कर्मचारियों का वेतन व अन्य भत्ते बढ़ाने के लिए किया जाए। उन्होंने कहा कि इसमें से एक उल्लेखनीय हिस्सा बैंक में अतिरिक्त पूंजी डालने के लिए किया जाता है, अन्यथा बैंकों के पास अगले 5, 10 या 20 साल बाद की अपनी पूंजीगत जरूरत को पूरा करने के लिए धन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि बैंक की पूंजी की कई अन्य चीजें करनी होती हैं। ‘सबसे पहले बैंकों को अपनी बहुलांश स्वामी और अन्य शेयरधारकों के लिए लाभांश घोषित करना होता है। इसके अलावा बैंक को अपने कारोबार के विस्तार के लिए खुद में पूंजी डालनी होती है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारी वेतन संशोधन की मांग को लेकर आज से दो दिन की हड़ताल पर हैं।
देश में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या 27 है, जिनमें 8 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं। देशभर में इन बैंकों की शाखाओं की संख्या 50,000 है।
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