कालाधन से जुड़ा विधेयक लोकसभा में हुआ पारित

वित्त मंत्री अरुण जेटली की फाइल फोटो

नई दिल्ली:

विदेशों में रखे कालेधन की समस्या से निपटने के लिये लाया गया कड़े प्रावधानों वाला विधेयक सोमवार को लोकसभा में पारित हो गया। विधेयक में अघोषित विदेशी संपत्ति और आय पर 120 प्रतिशत की दर से कर और जुर्माना लगाने और 10 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है।

नया कानून लागू होने से पहले लोगों को अपनी अघोषित आय और संपत्ति की घोषणा करने के लिये सीमित अवधि के लिये सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। इसमें वह अघोषित संपत्ति पर 30 प्रतिशत की दर से कर और इतना ही जुर्माना देकर दंड से बच सकते हैं।

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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में विधेयक पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए इन आशंकाओं को दरकिनार कर दिया कि इस कड़े कानून के प्रावधान से मासूम लोगों को प्रताड़ित किया जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि सरकार छोटे मोटे उल्लंघन के खिलाफ कारवाई नहीं करेगी बल्कि बड़ी मछलियों को जाल से नहीं निकलने देना चाहती है।
 
वित्त मंत्री के जवाब के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इसमें सरकार को विपक्ष का भी समर्थन मिला।
 
अघोषित विदेशी आय और आस्तियां (कर अधिरोपण) विधेयक 2015 को आगे बढ़ाते हुए जेटली ने कहा कि जिन लोगों की विदेशों में अघोषित आय और संपत्ति है वह यदि कर देकर अपनी छवि साफ करना चाहते हैं तो उनके लिये सीमित अवधि के लिये सुविधा उपलब्ध होगी जिसमें वह ऐसी संपत्ति पर 30 प्रतिशत की दर से कर और 30 प्रतिशत जुर्माना देकर दंड से छुटकारा पा सकते हैं।
 
एक बार अनुपालन सुविधा खिड़की बंद होने पर जिस किसी के पास भी विदेशों में अघोषित संपत्ति पाई जायेगी उन्हें ऐसी संपत्ति पर 30 प्रतिशत कर, 90 प्रतिशत जुर्माना और आपराधिक अभियोजन का सामना करना होगा। कालेधन की समस्या से निपटने वाले इस विधेयक को विदेशों में रखे कालेधन को स्वदेश लाने की जोर पकड़ती मांग के बीच पेश किया गया। विधेयक में विदेशों में कालाधन रखने वालों को 10 साल तक की कड़ी सजा का प्रावधान है।
 
वित्त मंत्री ने इस मुद्दे पर विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘जब हम कदम उठा रहे हैं तो आप पैर पीछे मत खींचिये। पिछले 11 माह से आप पूछते आ रहे हैं कि आप क्या कदम उठा रहे हैं। जब मैं कदम उठा रहा हूं, तो आप अपनी बात पर अडिग रहिये और विधेयक का समर्थन कीजिये। विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजने की मांग को छोड़ दीजिये।’ बेकसूर और मासूम लोगों को प्रताड़ित करने की आशंकाओं को दरकिनार करते हुए उन्होंने कहा कि विदेशों में स्थित बैंक खातों में पांच लाख रुपये तक अथवा इसके बराबर की राशि रखने वालों के खिलाफ कोई कारवाई नहीं की जाएगी।
 
विपक्ष पर ताना मारते हुए जेटली ने कहा कि वह ऐसा सर्कुलर तो जारी नहीं कर सकते कि जो कोई भी मेडिसन स्क्वायर जाता है उसे दंडित नहीं किया जाना चाहिये। लेकिन मैं निश्चित तौर पर यह कह सकता हूं कि मासूम लोगों को निशाना नहीं बनाया जाएगा।
 
मेडिसन स्क्वायर का जिक्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पिछले साल सितंबर में अमेरिका यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में जुटे प्रवासी भारतीयों की सभा में दिये भाषण से है। यह भाषण काफी चर्चित रहा।
 
कालेधन में अनुपालन खिड़की को माफी योजना माने जाने के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने ‘नहीं’ में जवाब दिया। जेटली ने कहा कि आंतकवादी और मनी लांड्रिंग गतिविधियों में लिप्त लोगों को अनुपालन सुविधा का लाभ नहीं उठाने दिया जायेगा।
 
घरेलू कालेधन के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे से आयकर कानून के तहत निपटा जा रहा है। कर के रूप में अधिक प्राप्ति से सरकार को कर दरों में कमी लाने में मदद मिलेगी। यदि समानांतर कालाधन को अर्थव्यवस्था में लाया जाता है तो सरकार जो कर लेती है उसमें कमी आयेगी और नागरिकों को मदद मिलेगी।
 
सरकार की अनुपालन खिड़की सुविधा को माफी योजना माने जाने के बारे में वित्त मंखी ने ‘नहीं’ में जवाब दिया।
 
कालाधन रखने वालों के बारे में सूचना पाने के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए जेटली ने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों और विशेषतौर से जी-20 में स्वत: सूचनाओं के आदान प्रदान पर जोर दे रहा है और उम्मीद की जाती है कि यह प्रक्रिया 2017 तक स्थापित हो जायेगी।
 
इसके अलावा अमेरिकी सरकार गैर-कानूनी वित्तीय गतिविधियों पर नजर रखने के लिये विदेशी खाता कर अनुपालन कानून (एफएटीसीए) पर भी जोर दे रही है।
 
जेटली ने कहा कि इसके बाद व्यक्तियों के लिये अपनी संपत्तियों को छुपाना मुश्किल हो जायेगा क्योंकि सरकार को समय पर जानकारी उपलब्ध होगी।
 
उन्होंने कहा कि फ्रांस सरकार द्वारा 600 एचएसबीसी खातों के बारे में दी गई जानकारी के तहत सरकार ने 121 लोगों के खिलाफ आपराधिक अभियोजन दायर किया है।