अनुप्रिया पटेल ने अपनी मां कृष्णा पटेल के पास सुलह का प्रस्ताव भेजा है.
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ सपा में चल रहा घमासान भले ही अभी थमने का नाम नहीं ले रहा हो, लेकिन राज्य की एक और राजनीतिक पार्टी अपना दल में कई महीनों से चले आ रहे विवाद को विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सुलझाने के प्रयास तेज हो गए हैं. केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने अपनी मां कृष्णा पटेल के पास सुलह का प्रस्ताव भेजा है.
लोकसभा चुनाव में भाजपा के सहयोगी के तौर पर लड़ने वाले अपना दल में पिछले कई महीनों से विवाद चल रहा है. अनुप्रिया पटेल और उनकी मां कृष्णा के नेतृत्व वाले धड़ों का यह विवाद फिलहाल चुनाव आयोग के पास लंबित है. अब पटेल परिवार के कुछ पुराने मित्रों के माध्यम से सुलह की कोशिश हो रही है.
इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया ने कहा, ''कृष्णा पटेल जी मेरी मां हैं. मैं उनका हमेशा सम्मान करती थी और हमेशा करती रहूंगी. हम चाहते हैं कि वो साथ आएं और हम मिलकर जनता के बीच जाएं. इसलिए हमारी ओर से एक प्रस्ताव दिया गया है.'' अनुप्रिया गुट के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कृष्णा पटेल धड़े के पास जो प्रस्ताव भेजा गया है उसमें कृष्णा पटेल को पार्टी का अध्यक्ष बनाने और वाराणसी की रोहनिया विधानसभा सीट से उनको चुनाव लड़ाने की पेशकश की गई है, हालांकि यह भी शर्त रखी गई है कि 'अनुप्रिया की बड़ी बहन पल्लवी पटेल पार्टी के कामकाज से दूर रहेंगी और इसमें उनका कोई दखल नहीं होगा.'
इस नेता ने कहा, ''सोने लाल पटेल के समय के कुछ पारिवारिक दोस्त इस विवाद को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं. अगर कृष्णा पटेल गुट तैयार हो गया तो यह विवाद महज कुछ दिन में सुलझ सकता है.'' उधर, इस बारे में पूछे जाने पर कृष्णा पटेल गुट के नेता आर बी सिंह पटेल ने कहा, ''अभी हमारे पास कोई ऐसा प्रस्ताव नहीं आया है.''
उत्तर प्रदेश की कुर्मी जाति पर पकड़ रखने वाली इस पार्टी को भाजपा ने लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन की दो सीटें दी थी और पार्टी ने दोनों सीटों मिर्जापुर और प्रतापगढ़ से जीत दर्ज की थी. मिर्जापुर से खुद अनुप्रिया पटेल निर्वाचित हुईं थी.
दिवंगत सोनेलाल पटेल की विरासत को आगे ले जाने की लड़ाई उस वक्त शुरू हुई जब कृष्णा पटेल ने अपनी बड़ी बेटी पल्लवी को अपना दल में पदाधिकारी बनाया. अनुप्रिया और उनकी मां के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों चुनाव आयोग पहुंच गए और दोनों के रास्ते तकरीबन अलग हो गए.
अनुप्रिया गुट के एक नेता ने कहा कि अगर सुलह की यह कोशिश सफल नहीं होती है तो अनुप्रिया के नेतृत्व वाला धड़ा अपना दल (सोनेलाल) नामक पार्टी के बैनर तले और भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेगा. इस नेता ने कहा कि नई पार्टी का पंजीकरण हो गया है और इसे 'प्लेट एवं कप' चुनाव निशान भी आवंटित हो गया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
लोकसभा चुनाव में भाजपा के सहयोगी के तौर पर लड़ने वाले अपना दल में पिछले कई महीनों से विवाद चल रहा है. अनुप्रिया पटेल और उनकी मां कृष्णा के नेतृत्व वाले धड़ों का यह विवाद फिलहाल चुनाव आयोग के पास लंबित है. अब पटेल परिवार के कुछ पुराने मित्रों के माध्यम से सुलह की कोशिश हो रही है.
इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया ने कहा, ''कृष्णा पटेल जी मेरी मां हैं. मैं उनका हमेशा सम्मान करती थी और हमेशा करती रहूंगी. हम चाहते हैं कि वो साथ आएं और हम मिलकर जनता के बीच जाएं. इसलिए हमारी ओर से एक प्रस्ताव दिया गया है.'' अनुप्रिया गुट के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कृष्णा पटेल धड़े के पास जो प्रस्ताव भेजा गया है उसमें कृष्णा पटेल को पार्टी का अध्यक्ष बनाने और वाराणसी की रोहनिया विधानसभा सीट से उनको चुनाव लड़ाने की पेशकश की गई है, हालांकि यह भी शर्त रखी गई है कि 'अनुप्रिया की बड़ी बहन पल्लवी पटेल पार्टी के कामकाज से दूर रहेंगी और इसमें उनका कोई दखल नहीं होगा.'
इस नेता ने कहा, ''सोने लाल पटेल के समय के कुछ पारिवारिक दोस्त इस विवाद को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं. अगर कृष्णा पटेल गुट तैयार हो गया तो यह विवाद महज कुछ दिन में सुलझ सकता है.'' उधर, इस बारे में पूछे जाने पर कृष्णा पटेल गुट के नेता आर बी सिंह पटेल ने कहा, ''अभी हमारे पास कोई ऐसा प्रस्ताव नहीं आया है.''
उत्तर प्रदेश की कुर्मी जाति पर पकड़ रखने वाली इस पार्टी को भाजपा ने लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन की दो सीटें दी थी और पार्टी ने दोनों सीटों मिर्जापुर और प्रतापगढ़ से जीत दर्ज की थी. मिर्जापुर से खुद अनुप्रिया पटेल निर्वाचित हुईं थी.
दिवंगत सोनेलाल पटेल की विरासत को आगे ले जाने की लड़ाई उस वक्त शुरू हुई जब कृष्णा पटेल ने अपनी बड़ी बेटी पल्लवी को अपना दल में पदाधिकारी बनाया. अनुप्रिया और उनकी मां के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों चुनाव आयोग पहुंच गए और दोनों के रास्ते तकरीबन अलग हो गए.
अनुप्रिया गुट के एक नेता ने कहा कि अगर सुलह की यह कोशिश सफल नहीं होती है तो अनुप्रिया के नेतृत्व वाला धड़ा अपना दल (सोनेलाल) नामक पार्टी के बैनर तले और भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेगा. इस नेता ने कहा कि नई पार्टी का पंजीकरण हो गया है और इसे 'प्लेट एवं कप' चुनाव निशान भी आवंटित हो गया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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